लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते हुई किशोर की मौत मामले में 60 वर्षीय बुजुर्ग को छह महीने की जेल
दिल्ली में लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते एक किशोर की मौत हो जाने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 60 वर्षीय बुजुर्ग को छह महीने की जेल की सजा सुनायी.
फाइल फोटो |
अदालत ने व्यक्ति को बरी करने संबंधी उसकी अपील को खारिज करते हुए कहा कि हर मामले में सार्वजनिक गवाही कानूनी रूप से जरूरी नहीं होता. व्यक्ति ने इस आधार पर खुद को बरी किए जाने की अपील की थी कि अभियोजन पक्ष के वकील ने किसी भी सार्वजनकि गवाह की गवाही नहीं ली.
अदालत ने कहा, \'\'कानूनन यह जरूरी नहीं कि हर मामले में गवाही ली जाए, लेकिन किसी-किसी मामले में विवेक के आधार पर अगर संभव हो तो सार्वजनिक गवाही की मांग की जाती है.\'\'
विशेष न्यायाधीश संजय गर्ग ने कहा, \'\'अभियोजन पक्ष के गवाह के स्पष्ट एवं तर्कसंगत बयान को देखते हुए इस मामले में अगर कोई सार्वजनिक गवाही नहीं भी ली गई है तब भी अभियोजन पक्ष के मामले में कोई संदेह नहीं बनता, इसलिए अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है.\'\'
अदालत ने सुदर्शन पार्क के रहने वाले बुजुर्ग गुरूचरण सिंह पर आईपीसी की धाराओं 279 और 304 ए के तहत उनके ऊपर लगे आरोपों को सही पाते हुए उनकी सजा को सही ठहराया और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. निचली अदालत ने उनपर 20,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया.
इसके अलावा, अदालत ने उन्हें 18 वर्षीय पीड़ित रमनदीप सिंह के परिवार को दो लाख रूपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया.
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