प्रशांत भूषण बोले, केजरीवाल अपने फायदे के लिए मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ‘पूरी तरह बेईमान’ होने का आरोप लगाते हुये उनके मित्र से विरोधी बने प्रशांत भूषण ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के नेता व्यक्तिगत हित के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं.
प्रशांत भूषण (फाइल फोटो) |
अमेरिका के निजी दौरे पर आए भूषण ने भारतीय-अमेरीकियों और भारतीयों के एक समूह को सोमवार रात संबोधित करते हुये कहा, ‘‘वह (केजरीवाल) पूरे बेइमान हैं.. जिस दिन उन्हें रास आए, वह मोदी से हाथ मिला लेंगे. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है.’’
भूषण की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के बीच पिछले एक साल से अधिक समय में कई मुद्दों पर टकराव देखने को मिला है.
पिछले साल आप से निकाले जाने के बाद योगेन्द्र यादव के साथ स्वराज अभियान की नींव रखने वाले भूषण ने कहा कि केजरीवाल के इस फितरत के बारे में उन्हें पहले पता नहीं चल पाया इसका उन्हें अफसोस है.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मेरे और योगेन्द्र जैसे लोगों का इस्तेमाल विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए किया और इस दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आप के निर्णय लेने वाले निकायों में उनका बहुमत हो, ताकि वह अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ सकें.’’
एक सवाल के जवाब में भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की दिलचस्पी भ्रष्टाचार से लड़ने में नहीं है.
आप विधायकों को लेकर भ्रष्टाचार के कई मामलों के बारे में सुने जाने का आरोप लगाते हुये भूषण ने कहा, ‘‘वह खुद के लिए जवाबदेही नहीं चाहते हैं.’’
आप के पूर्व नेता ने आरोप लगाया, ‘‘अरविंद का हाल मनमोहन सिंह जैसा ही है जिन्होंने खुद कभी रूपया नहीं लिया लेकिन अपने इर्द-गिर्द के लोगों को रूपया लेने की अनुमति दी.’’
पंजाब विधानसभा चुनाव के बारे में बात करते हुये भूषण ने बताया कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार कांग्रेस की तुलना में कहीं ज्यादा बुरी होगी.
पंजाब में आप को एक विश्वसनीय विकल्प मानने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह सिद्धांतविहीन और अराजक होगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल पंजाब में कांग्रेस कहीं अच्छी पसंद साबित होगी. मेरे विचार में वह आप से बेहतर होगी. वे (कांग्रेस) अनुभवी हैं. आप में कोई सिद्धांत नहीं रह गया है.’’
उन्होंने कहा कि स्वराज अभियान राजनीति में कूदने के लिए तैयार नहीं है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘इसमें एक साल का समय लगेगा.’’
उन्होंने बताया कि चुनावी राजनीति में शामिल होने से पहले स्वराज अभियान खुद के भीतर पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र के सिद्धांत स्थापित करना चाहती है.
उन्होंने कहा, ‘‘आप के मामले में हमने जो गलतियां की हैं हम उन्हें दोहराना नहीं चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मेरे जैसे लोगों का इस्तेमाल किया.
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