एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर एक करोड़ से अधिक ठगे

Last Updated 11 Feb 2016 06:21:03 AM IST

एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा है.


MBBS में दाखिले के नाम पर एक करोड़ से अधिक ठगे, गिरफ्तार

पकड़े गए आरोपी की पहचान वाराणसी यूपी के रहने वाले संदीप कुमार गुप्ता (30) के तौर पर की गई. आरोपी से गहन पूछताछ में पता चला है कि उसने एमबीबीएस में दाखिला के नाम पर विभिन्न लोगों को अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगा चुका है. फिलहाल यह आरोपी वसुंधरा, गाजियाबाद में रह रहा था और जांच में जुटी पुलिस टीम आरोपी से पूछताछ कर उसके गिरोह के लिए काम करने वाले अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. 

 संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव के अनुसार मोती नगर थाने में अरविंद तिवारी नामक व्यक्ति ने एमबीबीएस दाखिले के नाम पर 15 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. एक अन्य व्यक्ति विनोद मगोटरा जो पश्चिम विहार में रहते हैं, उन्होंने भी आरोपी के खिलाफ तीन लाख की ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी. इस बाबत जानकारी होने पर स्थानीय पुलिस के साथ साथ क्राइम ब्रांच भी मामले की जांच में जुटी हुई थी. मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि वसुंधरा निवासी संदीप गुप्ता इस तरह के रैकेट का मास्टरमाइंड है और गहन  जांच के बाद आरोपी को दिल्ली से दबोच लिया गया गया.

पूछताछ के दौरान संदीप ने माना कि उसने देशभर के कई लोगों से एडमिशन के नाम पर ठगी की है. आरोपी के अनुसार बीकानेर में उसने महेंद्र नामक व्यक्ति से बीस लाख, जिंद हरियाणा में अंशु से 1.27 लाख, मुंबई में  हरीश गुप्ता से बीस लाख, असम में सोपोन ज्योति शर्मा से आठ लाख और रेवाड़ी हरियाणा में कृष्णपाल से चार लाख रुपये ठगे थे. पुलिस को आरोपी ने बताया कि उसके गिरोह में अभिषेक पटेल उर्फ वरुण केलकर, अमित सिन्हा बिहार, पंकज मिर्जापुर, भास्कर जौनपुर, इमरान खान वाराणसी, बिरेंद्र कुमार रांची और अशोक रावत उर्फ बंटी मिर्जापुर यूपी शामिल हैं. इनमें ज्यादातर के पास एमबीए, एमसीए, बी.टेक जैसे प्रोफेशनल ड्रिगी हैं.

आरोपी से हुई गहन पूछताछ में पता चला है कि हर साल एडमिशन के समय गिरोह के सदस्य सक्रिय हो जाते थे. गैंग ऐसे लोगों की तलाश करता था, जो बच्चे मेडिकल एग्जाम पास नहीं कर पाते थे. ऐसे लोगों से संपर्क कर उनको मैनेजमेंट  कोटे में दाखिला करवाने का झांसा दिया जाता था. विश्वास जीतने के बाद आरोपी दाखिले के नाम पर छात्रों के अभिभावकों से मोटी रकम ऐंठ कर चंपत हो लेते थे.

कई बार कॉलेज का नकली एडमिशन लेटर भी पीड़ित छात्र या उनके अभिभावक को थमा दिया जाता था. विश्वास जीतने के लिए हॉस्टल का फॉर्म भी भरवाया जाता था. फिलहाल पुलिस पूरे रैकेट के बारे में आरोपी संदीप से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी हुई है. आरोप है कि संदीप साल 2013 में भी इस तरह ठगी करने के केस में गिरफ्तार हुआ, लेकिन सुधरा नहीं. उसने और बड़ा गिरोह बनाया. देश भर में एमबीबीएस में दाखिला लेने को इच्छुक छात्रों से ठगी शुरू कर दी. यह गिरोह प्री मेडिकल टेस्ट में असफल रहने वाले छात्र से खुद संपर्क करता और विभिन्न राज्यों के प्राइवेट कालेजों में मेडिकल सीट दिलाने का झांसा देता था.



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