सोमनाथ भारती ने जमानत की गुहार लगाई, मामले को भाजपा प्रायोजित बताया

Last Updated 06 Oct 2015 06:35:48 PM IST

आप नेता सोमनाथ भारती ने मंगलवार को अपने खिलाफ घरेलू हिंसा और हत्या की कोशिश के मामले को \'भाजपा प्रायोजित\' करार दिया.


आप नेता सोमनाथ भारती (फाइल फोटो)

उन्होंने दिल्ली की एक अदालत में जमानत के लिए गुहार लगाई, वहीं पुलिस ने उनकी दलील का विरोध करते हुए कहा कि वह प्रभावशाली शख्स हैं जो जांच को प्रभावित कर सकते हैं.  अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने जमानत पर दलीलों को सुनने के बाद आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रखा.

जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान भारती की ओर से वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया कि यह \'बनते बिगड़ते रिश्ते\' का मामला है जिसे राजनीतिक मकसद से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. उनका आरोप था कि यह \'भाजपा प्रायोजित मुकदमा\' है.

उन्होंने कहा, \'\'मैं एक विधायक हूं और मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र का काम देखना होता है. समाज में मेरी गहरी जड़ें हैं और अगर जमानत दी गयी तो मैं न्याय से नहीं भागूंगा. मुझे सभी पहचानते हैं तो मैं कहां बचकर जाऊंगा.\'\'

अग्रवाल ने कहा कि भारती स्वयं वकील हैं, दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री हैं और कानून का सम्मान करेंगे. आप नेता को अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल भी करनी है. अग्रवाल ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें किसी भी शर्त के साथ जमानत पर छोड़ दिया जाए.

भारती के वकील ने उनकी ओर से कहा, \'\'मैं जांच अधिकारी द्वारा बुलाये जाने पर जांच में शामिल होऊंगा और गवाहों को प्रभावित करने की कोई बात नहीं है. अगर अदालत चाहे तो मेरे दिल्ली से बाहर जाने पर रोक लगा सकती है या मेरे आवासीय क्षेत्र की सीमा में ही रहने का आदेश दे सकती है जो मालवीय नगर क्षेत्र है.\'\'

भारती और उनकी पत्नी लिपिका के बीच फोन कॉल के रिकॉर्डेड अंश और एसएमएस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, \'\'जिस कुत्ते \'डॉन\' पर सवाल उठ रहे हैं, उसे लिपिका पाल रहीं थीं तो वह उन्हें कैसे काट सकता है? उन्होंने सारे जेवर भी पहन रखे थे, जिसका मतलब है कि ये उनके साथ थे.\'\'

वकील ने यह आरोप भी लगाया कि लिपिका ने खुद काटने की धमकी दी थी जिसके बाद भारती ने उनकी मां और भाई को हस्तक्षेप के लिए तथा मामले को सुलझाने के लिए बुलाया था. उन्होंने कहा, \'\'शिकायत और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी दोनों (लिपिका और भारती) सामान्य तरीके से बातचीत करते रहे. यह दिखाता है कि सबकुछ सामान्य था.\'\'

भारती की दलील का विरोध करते हुए अतिरिक्त सरकारी अभियोजक शैलेंद्र बब्बर ने कहा कि जब भारती पुलिस हिरासत में नहीं थे तो उन्होंने अपनी आजादी का दुरुपयोग करने का प्रयास किया.  भारती के आचरण को बहुत संदेहपूर्ण बताते हुए अभियोजक ने कहा, \'\'अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह क्या करेंगे?\'\'

बब्बर ने कहा, \'\'अगर उन्हें जमानत पर छोड़ दिया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित करेंगे क्योंकि वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उनके प्रभाव की वजह से कुछ गवाह बयान दर्ज कराने आगे नहीं आ रहे. उन्हें जमानत देने से जांच प्रभावित होगी जो प्राथमिक स्तर पर है.\'\'

उन्होंने कहा कि शिकायत में भारती के खिलाफ कुछ खास तरह के आरोप हैं जो गंभीर प्रकृति के हैं और विधायक को तब तक जांच प्रभावित करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए जब तक कि आरोपपत्र दाखिल नहीं हो जाता.

बब्बर ने कहा कि शिकायत के अनुसार भारती ने अपनी पत्नी का गला घोंटने की कोशिश की और उन पर अपने कुत्ते को छोड़ दिया और पड़ोसियों के हस्तक्षेप के बाद ही इसे रोका जा सका.

भारती ने कल जमानत अर्जी दाखिल की थी. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए उनसे नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा था. उनसे अलग रह रहीं पत्नी ने शीर्ष अदालत में कहा कि वह घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास के मामले को सुलझाने के लिए सुलह नहीं करना चाहतीं.

भारती 19 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. आप विधायक को 29 सितंबर को तड़के गिरफ्तार किया गया था. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उन्होंने आत्मसमर्पण किया था.

 



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