21वें दिल्ली पुस्तक मेले से गायब हैं मशहूर प्रकाशन

Last Updated 01 Sep 2015 02:20:07 PM IST

पेंगुइन इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, हार्पर कॉलिन्स और रूपा प्रकाशन जैसे बड़े प्रकाशक इस साल दिल्ली पुस्तक मेले से गायब हैं.




फाइल फोटो

पुस्तक प्रेमियों के बीच जहां नयी दिल्ली वैश्विक पुस्तक मेले को ज्यादा लोकप्रियता मिल रही है, वहीं यह दिल्ली पुस्तक मेले को एक कड़ी प्रतिस्पर्धा भी दे रहा है. प्रमुख प्रकाशन गृहों ने अगले साल जनवरी में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है.
   
पेंगुइन इंडिया की मार्केटिंग प्रमुख केरोलीन न्यूबरी ने कहा, ‘विश्व पुस्तक मेला अब दिल्ली में वाषिर्क तौर पर आयोजित किया जाता है, जिसमें व्यापार पर ज्यादा जोर होता है. इसलिए हमने उसमें प्रकाशक के तौर पर अपनी मौजूदगी पर ध्यान केंद्रित किया है.’
   
पेंगुइन हिंदी ने पिछले साल ‘द महाभारत’ जैसी लोकप्रिय कथा के अलावा अमिताव घोष की ‘ग्लास पैलेस’ और आर के नारायण की ‘गाइड’ के हिंदी अनुवादों के साथ दिल्ली पुस्तक मेले में अपना स्टॉल लगाया था.
   
इस साल, इस प्रकाशन गृह की ओर से कोई सीधी भागीदारी नहीं है और पुस्तकें मेले में मौजूद कुछ स्थानीय विक्रेताओं के पास ही उपलब्ध हैं.
  
न्यूबरी ने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी पुस्तकें ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुंचें और इसलिए हमने कुछ स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं के साथ मिलकर इस दिशा में काम किया है कि हमारी पुस्तकें मेले में उपलब्ध हों.’
   
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस भी इसी क्रम में दिखाई पड़ती है, जिसका अपना स्टॉल तो मेले में नहीं दिखाई देता लेकिन अलग-अलग विक्रेताओं के पास उनकी पुस्तकें उपलब्ध हैं.



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