दिल्ली में 10 हजार वेतन काफी!
सरकार ने कहा है कि बाजार में सिर्फ दाल और प्याज भर महंगे हैं. उसने सब्जी 16 रुपए किलो और दूध 33 रुपए लीटर बताया है.
दिल्ली में 10 हजार वेतन काफी! |
यही वजह है कि उसने श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 7100 रुपए महीने से लगाकर 10,000 रुपए महीना प्रस्तावित किया है. इसका मतलब यह हुआ कि सरकार दिल्ली जैसे महानगर में दस हजार रुपए महीने में पूरे परिवार का खर्च चला लेने की बात कर रही है.
पहले सरकार ने दिल्ली जैसे ‘ए’ श्रेणी के शहर के लिए 9500 रुपए ही न्यनूतम वेतन प्रस्तावित किया था. जब सरकार को बताया गया कि दिल्ली में अभी ही न्यूनतम वेतन 9600 रुपए है, तब कहीं जाकर सरकार ने इसे 10,000 रुपए किया. न्यनूतम मजदूरी पर मजदूर संगठनों के साथ बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह की मजदूर संगठनों के साथ बैठक हुई थी. इसमें मजदूर संगठनों ने कहा कि महंगाई बहुत बढ़ गई है. इसलिए 15 -20 हजार हजार रुपए मासिक न्यूनतम वेतन किया जाए.
इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह बात सही है कि प्याज और दाल अवश्य महंगे हैं, जिसके दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. इसी बैठक में कहा गया कि ‘सी’ श्रेणी के शहर में न्यूनतम वेतन 7100 रुपए रहेगा और ‘बी’ श्रेणी के शहर में 8500 रुपए. इसके साथ-साथ श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसके लिए खाने-पीने की वस्तुओं के भाव भी बताए, जिनके आधार पर न्यूनतम वेतन प्रस्तावित किया गया है. जिसके मुताबिक सरकार ने बाजार में 25 रुपए किलो चावल, 80 रुपए किलो दाल, 60 रुपए मीटर कपड़े का भाव बताया है. इसी सूची में सब्जी का भाव 16 रुपए किलो और दूध का भाव 33 रुपए लीटर बताया जा रहा है.
मांसाहार भोजन का भाव प्रति किलो 80 रुपए आंका गया है, जिस पर मजदूर संगठन ऐतबार नहीं कर रहे हैं. दिलचस्प यह है कि वस्तुओं के इन भावों के आधार पर पूरे देश में न्यनूतम वेतन तय किया जा रहा है और भाव बड़े शहरों के ना होकर झारखंड के बाजारों के हैं. सरकार ने यह कारण नहीं बताया है कि जरूरी सामान के भाव झारखंड से लिये जाने की वजह क्या है. सिर्फ यह भर बताया जा रहा है कि उक्त भाव जमा करने के लिए समिति ने कई जगहों का दौर किया था.
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