दिल्ली मानवाधिकार आयोग का गठन

Last Updated 04 Aug 2015 04:52:39 AM IST

दिल्ली में मानवाधिकार आयोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में मानवाधिकार आयोग गठित करने का निर्णय लिया है.


अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार, विधानसभा में बोलते हुए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार दिल्ली में आप सरकार की राह में अड़चने डाल रही है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार तेज रफ्तार से काम कर रही है, लेकिन मोदी सरकार स्पीड ब्रेकर बन रही है. उन्होंने महिला सुरक्षा पर विधानसभा के विशेष सत्र में दिल्ली सरकार की ओर से उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में मानवाधिकार आयोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में मानवाधिकार आयोग गठित करने का निर्णय लिया है, जल्द ही सरकार दिल्ली में बिल आफ राइट भी लायेगी.

विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जांच आयोग गठित करने संबधी प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केन्द्र की मोदी सरकार व दिल्ली पुलिस पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में यदि विधानसभा के भीतर बैठी महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाएं सुरक्षित कैसे हो सकती हैं. उन्होंने सवाल किया कि कितने मामलों मेंएफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाती है.

उन्होंने महिलाओं के अपराधों पर न्यायिक जांच आयोग गठित किये जाने पर विपक्ष के विरोध की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम को संविधान के खिलाफ बताया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या महिला सुरक्षा करना संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि कानून व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है लेकिन महिला सुरक्षा तो दिल्ली सरकार के अधीन है.  उन्होंने एक तरफ दिल्ली पुलिस की आलोचना की तो दूसरी  ओर जूनियर स्तर के दिल्ली पुलिस अधिकारियों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि बड़े पुलिस अधिकारी केन्द्र की मोदी सरकार के एजेंट हैं लेकिन जूनियर स्तर के अधिकारी जांबांज है.

उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के इन जवानों के कल्याण के लिए कदम उठायेगी. मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार जो भी अच्छा काम करती है तो कहा जाता है कि वह दिल्ली सरकार के अधिकार में नही है, उन्होंने कहा कि यदि हमारे अधिकार में नहीं है तो केन्द्र के अधिकार में तो है, केन्द्र सरकार क्यों नहीं करती.  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पेरा मिलिट्री फोर्स भेजकर जबरदस्ती एंटी करप्शन ब्यूरो पर कब्जा कर लिया और दो माह में एसीबी ने भ्रष्टाचार का एक मामला भी दर्ज नहीं किया. उन्होंने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो अगले छह माह में दिल्ली में महिलाओं को सुरक्षा दे दो या फिर उससे अगले छह माह में दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के हवाले कर दो, दिल्ली सरकार दिल्ली को छह माह में ही महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर बना देगी.

उन्होंने कहा कि सरकार जो भी अच्छा आदेश निकालती है उसे निरस्त कर दिया जाता है, उन्होंने बताया कि एलजी व केन्द्र सरकार ने मिलकर अभी तक दिल्ली सरकार के 25 आदेश निरस्त कर दिये हैं जो अपने आप में रिकार्ड है. विध्वंस की राजनीति की जा रही है, सरकारें सकारात्मक व निर्माण की राजनीति से चलती हैं. उन्होंने कहा कि आप सरकार तेज रफ्तार से काम कर रही है लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार अड़चने डालकर स्पीड ब्रेकर बनी हुई है.

महिला इंस्पेक्टर को बनाया बंधक, रिहा

विधानसभा कार्यवाही के दौरान स्पेशल ब्रांच में तैनात एक महिला इंस्पेक्टर को बंधक बना लिया गया. महिला पुलिसकर्मी विधानसभा कार्यवाही देख रही थी और वह नोट भी कर रही थी. महिला पुलिसकर्मी का नाम लक्ष्मी दुबे बताया जाता है. बाद में महिला को वहां से छोड़ दिया गया.

सूत्रों के अनुसार सोमवार दोपहर को दिल्ली विधानसभा कार्यवाही के दौरान महिला इंस्पेक्टर विधानसभा पहुंची थी. बाद में वह विधानसभा कक्ष में मौजूद होकर कार्यवाही के अंश को नोट करने लगी. इस बात की जानकारी जब ‘आप’ विधायकों को हुई, तब उसे अचानक बंधक बना लिया गया.

आरोप है कि महिला को एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया. इस काम में विधायकों का साथ मार्शलों ने भी दिया. मामले की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने विधायकों से बातचीत कर महिलाकर्मी को रिहा करवाया. इस प्रक्रिया में एक घंटा लग गया. महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि वह ड्यूटी पर थी और उसके साथ ‘आप’ के लोगों ने बुरा बर्ताव किया. पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा ने इस घटना से अनभिज्ञता जताई.



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