हार्डकोर इनामी नक्सली चंदेर दिल्ली में दबोचा
स्पेशल सेल ने एक कुख्यात हार्डकोर नक्सली को धर दबोचा है. पकड़े गए आरोपी की पहचान चंदेश्वर यादव के तौर पर की गई.
हार्डकोर इनामी नक्सली चंदेर दिल्ली में दबोचा |
पुलिस ने दावा किया कि इस आरोपी ने झारखंड में पुलिस की जीप को एलईडी ब्लॉस्ट कर उड़ाने और पुलिस टीम पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या की थी. झारखंड पुलिस इस कुख्यात नक्सली पर पांच लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था. पुलिस का कहना है कि यह आरोपी दिल्ली में रहने वाले एक रिश्तेदार के यहां छुपकर रह रहा था.
संयुक्त पुलिस आयुक्त विवेक गोगिया के अनुसार स्पेशल सेल को यह सूचना मिली थी कि एक हार्डकोर माओवादी कमांडर नजफगढ़ इलाके में शरण लिए हुए है. इस जानकारी के बाद पुलिस टीम ने रविवार को नाले वाली गली, कापसहेड़ा से आरोपी नक्सली चंदेश्वर यादव को धर दबोचा. छानबीन में पता चला है कि आरोपी नक्सली अपने रिश्तेदार के यहां रहकर उद्योग विहार की एक फैक्टरी में मजदूर बनकर काम कर रहा था.
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह माओवादी संगठन का सब जोनल कमांडर है. होली के बाद वह झारखंड पुलिस से बचने के लिए यहां चला आया था और तभी से दिल्ली में रहकर मजूदरी कर रहा था. पुलिस ने आरोपी के दबोचे जाने की सूचना झारखंड पुलिस को दे दी है.
आरोपी ने खुलासा कि 23 दिसंबर 2014 को उसने अन्य माओवादी साथियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला किया था. उसके मुताबिक रांची से 15 किलोमीटर दूर चतरा जिले में इतखौरी थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर हमला की योजना बनाई गई थी. योजना के तहत पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी को निशाना बनाने के लिए सड़क पर एलईडी ब्लॉस्ट की तैयारी की गई.
रात के समय जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, आरोपियों ने ब्लॉस्ट कर जीप को उड़ा दिया. इसके बाद में घात लगाकर बैठे आतंकियों ने इंसास रायफल से पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया था. हालांकि पीछे से आई पुलिस की दूसरी टीम ने बचाव करते हुए माओवादियों को खदेड़ दिया था. इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हुई थी जबकि दूसरा बुरी तरह जख्मी हो गया था.
इस पूरे हमले को अंजाम चंदेश्वर और उसके साथियों ने दिया था और इसके बाद ही झारखंड सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख का इनाम रखा था.
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि बिहार के गया का रहने वाला चंदेश्वर अपने पिता के साथ खेतीबाड़ी करता था. बाद में वह ऑटो चलाने लगा. पशुओं के बाड़े को लेकर उसका अपने चाचा से झगड़ा हो गया. चाचा ने उससे और परिवार से मारपीट कर दी.
इसी का बदला लेने के लिए वह अपने रिश्तेदार कुशाल यादव से मिला. कुशाल पहले से हार्डकोर नक्सली था और उसने इंदल सिंह और आलोक यादव नामक दो माओवादियों से मुलाकात करवाकर चंदेश्वर को अपने संगठन में भर्ती कर लिया था.
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