केजरीवाल को अदालत से राहत

Last Updated 03 Aug 2015 03:54:10 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ कथित आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राहत दे दी.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (फाइल फोटो)

न्यायमूर्ति महेन्द्र दयाल की अदालत ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत गत शुक्रवार को दायर केजरीवाल की याचिका को निस्तारित करते हुए पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी जिले में भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ कथित आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में ‘आप’ नेता के विरुद्ध जारी जमानती वारंट पर तीन हफ्ते के लिये रोक लगा दी.

केजरीवाल ने याचिका दायर करके मामले की समूची कार्यवाही को चुनौती देते हुए मामले में दायर आरोपपत्र और वारंट को निरस्त किये जाने के आदेश देने का आग्रह किया था.

अदालत ने केजरीवाल के वकील से दिल्ली के मुख्यमंत्री को मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश होने से छूट देने के सम्बन्ध में नयी याचिका दाखिल करने के निर्देश देते हुए सम्बन्धित निचली अदालत को मामले के त्वरित निस्तारण के आदेश भी दिये.

केजरीवाल के वकील महमूद आलम ने अदालत से कहा कि अमेठी में एक चुनावी सभा के दौरान ‘आप’ नेता द्वारा दिया गया भाषण ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के दायरे में आता है, लिहाजा इसमें कोई अपराध नहीं बनता, वहीं राज्य सरकार के वकील रिशाद मुर्तजा ने इस दलील का यह कहते हुए विरोध किया कि खुद को जाहिर करने की आजादी की अपनी सीमाएं हैं और केजरीवाल ने उस सीमा को लांघी है, लिहाजा यह मामला बनता है.

मुर्तजा ने बताया कि केजरीवाल के खिलाफ अमेठी के मुसाफिरखाना थाने में दर्ज मुकदमे में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद उनके खिलाफ गत 20 जुलाई को सम्बन्धित न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ वारंट जारी करते हुए अदालत में पेश होने को कहा था.

मुर्तजा ने बताया कि केजरीवाल के खिलाफ मई 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी के औरंगाबाद गांव में कांग्रेस तथा भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में लोकप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

साबित होने पर इस मामले में तीन साल तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकते हैं.
 



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