केन्द्र चाहे तो दस दिन में मिल सकता है दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा- केजरीवाल

Last Updated 25 May 2015 09:50:57 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार चाहे तो दिल्ली को मात्र दस दिन में पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल)

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनका केन्द्र सरकार से कोई झगड़ा नहीं है और वह केंद्र के साथ मिलकर राजधानी की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं.

केजरीवाल ने अपनी सरकार के 100 दिन पूरा होने पर कनॉट प्लेस के सेन्ट्रल पार्क में आयोजित खुले दरबार में जनता की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उनकी केन्द्र सरकार से कोई लड़ाई नहीं है और वह साथ मिलकर काम करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने गये थे तो उनसे कहा था कि आप भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहते हैं और हम भी यही चाहते हैं.  

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चाहे तो दिल्ली को दस दिन में पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है.
          
उन्होंने उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ अधिकारों को लेकर चले टकराव में केन्द्र की तरफ से अधिसूचना जारी करने को तानाशाही बताया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की 70 में से आम आदमी पार्टी द्वारा 67 सीटें जीतने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पचा नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता था कि इस हार के बाद भाजपा दिल्ली की जनता से बदला लेने के लिए उतर आयेगी.

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच साल तक अपने अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी.
      
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि आप पार्टी की सरकार बनने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार तेजी से कम हुआ है. पानी के मीटरों के लेकर केजरीवाल ने कहा कि जल बोर्ड से मीटर खरीदने की जरुरत नहीं है. इसके लिए कुछ कम्पनियों का पैनल बना दिया है और उपभोक्ता वहां से अपनी मर्जी की कंपनी का मीटर खरीद कर लगवा सकते हैं.

मुख्य कार्यकारी सचिव के पद पर शकुन्तला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद को दरकिनार करते हुये अधिकारियों की पीठ थपथपाई और कहा कि अधिकारी अच्छा काम कर रहे है.
         
उन्होंने लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए और फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन की बात भी कही. केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए उनकी सरकार कदम उठा रही है. दिल्ली परिवहन की निगमों की बसों में होम गार्डों की तैनाती की जायेगी. अंधेरे वाले स्थानों की पहचान की जा रही है. सीसीटीवी कैमरे लगाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
       
अस्थाई शिक्षकों को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको नियमित करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया के साथ उनकी कोई नाराजगी नहीं है. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में केजरीवाल ने अपनी सरकार की प्राथमिकतायें गिनाते हुये कहा था कि राजधानी में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा समेत 11 क्षेत्रों पर विशेष जोर रहेगा.
          
मंत्रिमंडल की खुली बैठक में पिछले दस दिन से विवाद का केन्द्र बनी शकुन्तला गैमलिन भी मौजूद थीं. वह दिल्ली में ऊर्जा सचिव हैं. मुख्य सचिव केके शर्मा के 10 दिन के अवकाश पर जाने के दौरान गैमलिन को मुख्य कार्यकारी सचिव बनाये जाने को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव हो गया था.

शर्मा सोमवार को ही अवकाश से ड्यूटी पर लौटे हैं. जनसंवाद में शर्मा और गैमलिन दोनों ही मौजूद थे.
             
उच्च न्यायालय का आदेश केंद्र के लिए बड़ी शर्मिंदगी

दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के अधिकार क्षेत्र को लेकर आए उच्च न्यायालय के फैसले से उत्साहित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अदालत का निर्णय केंद्र के लिए ‘बड़ी शर्मिंदगी’ है और इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार की लड़ाई को ताकत मिली है.
     
अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का वह आदेश राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए बड़ी जीत है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के मामलों में दखल देने का केंद्रीय गृह मंत्रालय को कोई अधिकार नहीं है.
     
दिल्ली की आप सरकार ने एक बयान जारी कर उच्च न्यायालय के फैसले को दिल्ली की जनता के लिए ‘निर्णायक जीत’ करार दिया है.
     
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं आपको उच्च न्यायालय के फैसले की बधाई देना चाहता हूं. 40 साल पहले दिल्ली में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अमल में आया था. 40 साल पहले इसका अधिकार क्षेत्र दिल्ली आधारित सभी एजेंसियों पर था, चाहे वो केंद्र सरकार की हो, डीडीए हो, पुलिस हो, एमसीडी हो. एसीबी इन सभी निकायों के भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर सकती थी.’’
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले साल 49 दिनों की सरकार के समय हमने इस देश के एक बड़े आदमी मुकेश अंबानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. हमारी सरकार के जाने के बाद केंद्र ने एक निर्देश जारी करके एसीबी के दायरे को सिर्फ दिल्ली सरकार के अधिकारियों तक सीमित कर दिया.’’
     
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कहा गया है कि एसीबी केंद्र सरकार के अधिकारियों, पुलिस और एनडीएमसी के भ्रष्टाचार को नहीं देखेगी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि केंद्र और गृह मंत्रालय को एसीबी के मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.’’

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार सच्चाई के रास्ते पर चल रही है और सत्य की हमेशा विजय होती है. भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) पर दिल्ली उच्च न्यायालय के सोमवार को आये फैसले को दिल्ली की जनता के लिए बड़ा निर्णय बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में अधिक मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि पिछली बार 49 दिन की सरकार के दौरान उन्होंने एसीबी के जरिए केन्द्र के मंत्रियों समेत बड़े उद्योगपतियों पर शिंकजा कसने की दिशा में कदम उठाए थे. इसके बाद केन्द्र सरकार ने एसीबी का दायरा घटाकर दिल्ली तक सीमित कर दिया था.

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद एसीबी की शक्तियां फिर वापस लौटी हैं.
          



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