काम से ज्यादा विवादों के लिए चर्चित रही केजरीवाल सरकार

Last Updated 25 May 2015 06:48:15 AM IST

राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार काम से ज्यादा विवादों के लिए चर्चित रही है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

हालांकि बीते 100 दिन में बिजली के दाम आधे करने, हर माह 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देने, एंटी करप्शन हेल्पलाइन शुरू करने, 11 विधानसभाओं में जनता के बजट की शुरुआत करने आदि कई महत्वपूर्ण काम किए हैं बावजूद इसके कभी कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर की फर्जी डिग्री, कभी उपराज्यपाल व केन्द्र सरकार से टकराव, पार्टी में योगेन्द्र यादव व प्रशांत भूषण को निकालने आदि विवादों के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ज्यादा चर्चित रहे हैं.

राजधानी में आम आदमी पार्टी सरकार के गठन के तत्काल बाद ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर विवादों की शुरुआत कर दी. हालांकि बाद में सीमित समय के दौरान मीडिया प्रवेश की अनुमति दे दी गई लेकिन बावजूद इसके मीडिया पर उनके हमले जारी रहे हैं.

सरकार संभालने के तत्काल बाद आम जनता के लिए किए गए सरकार के महत्वपूर्ण कामों पर नजर डालें तो 400 यूनिट तक बिजली के बिल आधे करने तथा 20 हजार लीटर तक पानी मुफ्त करने जैसे निर्णय कर सरकार ने जनता का दिल तो जरूर लूटा लेकिन लगभग 1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी बिजली व पानी पर खर्च के निर्णय को लेकर उनकी आलोचना भी हुई. दिल्ली की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए दिल्ली डायलॉग कमिशन के जरिए एक नई शुरुआत को भी सरकार निश्चित रूप से अपनी उपलब्धियों में गिना सकती है.

इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी प्रशांत भूषण व योगेन्द्र यादव को निकालने संबंधी विवादों में घिरी रही, यह विवाद थमा ही था कि कुछ दिन बाद जंतर-मंतर पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई सभा में एक किसान की आत्महत्या को लेकर सरकार फिर विवादों में फंस गई. इस बीच सरकार ने एंटी करप्शन हेल्पलाइन 1031 को पुन: शुरू कर दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में पहल की. विवादों के साथ सरकार का रिश्ता इसके बाद भी साथ-साथ चलता रहा.

केजरीवाल सरकार के कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर की कानून की डिग्री को संबंधित विविद्यालय द्वारा फर्जी बताये जाने के बाद सरकार की जमकर फजीहत हुई और सरकार पर तोमर को मंत्रिमंडल से हटाने का दबाव भी रहा. अभी भी यह विवाद जारी है और उनकी फर्जी डिग्री को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता अभी भी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. ताजा विवाद उपराज्यपाल से संवैधानिक अधिकारों को लेकर टकराव का तो है ही लेकिन जिस तरह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुन्तला गेमलिन पर सार्वजनिक सभा में आरोप लगाये तथा प्रधान सचिव सेवाएं अनिंदो मजूमदार के कमरे पर ताला लगाया उससे भी सरकार की फजीहत हुई.

विवादों के साथ-साथ जिन कामों पर सरकार का फोकस रहा उनमें अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में पहल शुरू की गई साथ ही हरियाणा से पानी का विवाद समाप्त करने की पहल भी सरकार ने की. इसके अलावा दिल्ली को वाईफाई देने की दिशा में काम करने के साथ साथ ई-गवन्रेस की दिशा में भी सरकार ने कदम बढ़ाए हैं. किसानों को मुआवजा देकर सरकार ने किसानों का दिल जीतने की कोशिश की तो महिला सुरक्षा की दिशा में सरकार डीटीसी बसों में मार्शल तैनात करने की तैयारी कर रही है जो अच्छा संकेत है.

 

संजय टुटेजा
एसएनबी


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