केजरीवाल vs जंग : दिल्ली में थमेगी जंग
राजधानी में उपराज्यपाल नजीब जंग तथा मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच जारी जंग में अब गृह मंत्रालय द्वारा जल्द हस्तक्षेप की संभावना है.
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) |
जिसमें वर्तमान नियमों के अनुसार उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव को सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल होना पड़ेगा. केजरीवाल सरकार ने अभी तक सभी निर्णयों में उपमुख्यमंत्री की भूमिका होती थी लेकिन मुख्यमंत्री की नहीं.
एलजी द्वारा बुधवार को लिखे पत्र का उत्तर मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को उन्हें भेज दिया है. उपराज्यपाल के बुधवार को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के आलोक में अब गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार की कार्य प्रणाली को स्पष्ट करेगा. मंत्रालय पत्र से एलजी व मुख्य मंत्री के बीच जारी जंग पर विराम लगाने की कोशिश करेगा. फिर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली सरकार की सभी महत्वपूर्ण फाइलें देखकर उन्हें अपनी टिप्पणी देनी होगी.
14 फरवरी को सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी महत्वपूर्ण विभाग उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंप दिए थे जिस कारण फाइलें एलजी, उपमुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के दायरे में ही रहती हैं. अब मुख्यमंत्री को स्वयं फाइलों को देखकर टिप्पणी देनी होगी, यानि सभी बड़े निर्णय लेने की भूमिका में वे स्वयं होंगे. साथ ही प्रधान सचिव तथा विभागाध्यक्षों के स्थानान्तरण की फाइलें एलजी तक भेजना आवश्यक होगा.
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने मंत्रियों द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों में मंत्री व अधिकारियों को छोड़कर किसी भी बाहरी व्यक्ति की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जताया है. यानि मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों में अधिकारियों के अलावा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं या किसी अन्य बाहरी व्यक्ति की उपस्थिति से जो परेशानी अफसरशाही को थी उसपर कड़ी आपत्ति को मुद्दा बनाते हुए इसका तुरन्त समाधान मांगा गया है.
सूत्रों के अनुसार एलजी व मुख्यमंत्री के बीच की तल्खी कम होने के आसार नजर आ रहे हैं. दस दिनों से जारी लगातार तनातनी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने वृहस्पतिवार को स्थिति को सामान्य करने का दिशा में पहल की.
सूत्रों के अनुसार कार्यकारी मुख्यसचिव शकुन्तला गैमलिन ने सुबह मुख्यमंत्री के कक्ष में जाकर उन्हें अभिवादन किया. फिर गैमलिन केजरीवाल को एंटी टेरेरिस्ट डे पर आयोजित कार्यक्रम में एस्कोर्ट कर ले गई जहां मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को आतंक व विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ दिलाई. दोनों के बीच कई उलझे मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा हुई जिसके बाद प्रधान सचिव अनिन्दो मजुमदार का कक्ष शुक्रवार को खोल दिए जाने पर सहमति बनी. मुख्यमंत्री व कार्यकारी मुख्य सचिव की सहमति से मजुमदार को शीघ्र नया कार्य प्रभार मिलना संभावित है.
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