दो करोड़ ठग कर बना बाबा, धरा गया

Last Updated 19 Apr 2015 06:06:07 AM IST

राजधानी दिल्ली दो करोड़ की रकम ऐंठने के बाद एमबीए कर चुके एक शख्स ने बाबा का चोला धारण कर लिया.


राजधानी दिल्ली में दो करोड़ ठग कर बना बाबा, धरा गया

यह सब उसने इसलिए किया ताकि वह पकड़ा न जा सके. हालांकि लम्बे समय तक वह पुलिस की आंखों में धूल नहीं झोक सका. पुलिस ने इस ढोंगी बाबा के साथ उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया है. मुलजिमों की पहचान जयदेव कोहली उर्फ कमल नायन वशिष्ठ (41) और मृदुल चौहान (42) के तौर पर हुई है. बाकायदा इस जालसाज ने कमल नायन फाउंडेशन के नाम से फेसबुक पर प्रोफाइल बना रखा था, ताकि उसे भक्ति के नाम पर डोनेशन मिल सके. यह मामला कालकाजी थाना क्षेत्र का है. अब वे लोग स्थानीय पुलिस से सम्पर्क कर रहे हैं जो इन जालसाजों की ठगी का शिकार हुए थे.

साउथ ईस्ट डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि ठग से फर्जी बाबा बना जयदेव कोहली नरेला इलाके का रहने वाला है. कुछ साल पहले वह दो करोड़ रुपए की ठगी करने के बाद अंडरग्राउंड हो गया था. गत् वर्ष अगस्त माह में मूलत: रिवाड़ी हरियाणा के रहने वाले नहार सिंह ने शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस को बताया गया कि अगस्त 2012 में उसने और रिवाड़ी और झज्जर जिला हरियाणा के रहने वाले 18 लोगों ने दशरथ चौहान और उनके बेटे मृदुल चौहान के झांसे में आकर कालकाजी स्थित बुलिश औरा फाइनेंशियल सर्विस कंपनी में मोटी रकम निवेश कर दी. उन्हें भरोसा दिया गया था प्रति माह निवेशकों को चार से छह प्रतिशत रकम र्टिन मिलेगी. कंपनी का निदेशक जयदेव कोहली, अंजली कोहली और फुल कुमार कादयान ने बकायदा निवेशकों को कार से दिल्ली लाकर ऑफिस दिखाते थे.

कुछ लोगों ने अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी कंपनी में लगा दी तो कुछ ने जमीन बेचकर. ये सभी लोग इस कंपनी में करीब एक करोड़ रुपये निवेश कर चुके थे. कुछ समय बाद इन लोगों ने अपना मोबाइल और ऑफिस बंद कर दिया. स्थानीय थानाध्यक्ष अमित ईस्सर व सब इंस्पेक्टर अनिश शर्मा की देखरेख में एक टीम ने मामले की तहकीकात शुरू की. मृदुल चौहान को पुलिस टीम ने सेक्टर तीन रेवाड़ी से धर दबोचा. इससे हुई पूछताछ में पता लगा कि मुख्य आरोपी वह नहीं बल्कि जयदेव कोहली है. जो आजकल कमल नायन फांउडेंशन खोल दिल्ली में बाबागिरी कर रहा है. पुलिस ने इस फाउंडेशन को फेसबुक पर खोज निकाला.

भारी संख्या में लोगों ने इस प्रोफाइल के पेज को लाइक कर रखा था. यह भी पता चला कि फाउंडेशन की तरफ से 14 अप्रैल को समालका में दो घंटे का ध्यान संध्या के नाम से कार्यक्रम हुआ था. तमाम जानकारी एकत्रित करने के बाद 17 अप्रैल को पुलिस ने द्वारका सेक्टर 12 से इस जालसाज को दबोच लिया.

पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसने खुद को कमल नायन वशिष्ठ बताया. लेकिन इसके पास मिले ड्राइविंग लाइसेंस से उसका असल नाम जयदेव कोहली उजागर हो गया. बाद में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया. उसने पुलिस को बताया कि लोगों की ठगी गई रकम को उसने शेयर मार्केट में लगा दिया था.

जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ. इसके बाद उसने कंपनी बंद कर दी और पहचान छिपाने के लिये अपना नाम बदल बाबा का चोला धारण कर लिया. आरोपी मृदुल पहले कबाड़ का काम करता था. उसे भी धंधे में भारी नुकसान हो गया था. इस दौरान वह वह फुल कुमार नाम के एक आरोपी के सम्पर्क में आया और फिर उनके साथ लोगों से रकम ऐंठने के काम में जुट गया. मुख्य आरोपी जयदेव कोहली ने वर्ष 2007 में इग्नू से फाइनेंस और मार्केटिंग में एमबीए किया था.



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