तो अब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की चिट्ठी से हल होगा कलह!
'आप' में चल रहे घमासान के बीच योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक 'लेटर बम' जारी करके कार्यकर्ताओं को पूरी बात समझाने की कोशिश की है.
चिट्ठी से दर्द ब्यां कर रहे योगेंद्र-प्रशांत! (फाइल फोटो) |
उन्होंने इस चिट्ठी के माध्यम से अपने दर्द को ब्यां किया है. उन्होंने लिखा है कि पार्टी में जो कुछ भी चल रहा है. उससे उन्हें पीड़ा महसूस हो रही है.
उन्होंने कहा, मैं और प्रशांत अभी कुछ नहीं बोलेंगे और पार्टी में जो कुछ चल रहा है, उससे पार्टी का भला होने वाला नहीं है.
योगेंद्र यादव ने कहा है कि उन्होंने और प्रशांत भूषण ने पार्टी के लोकपाल से उन पर लगे आरोपों की जांच करने को भी कहा है.
इस चिट्ठी के कुछ शब्द इस प्रकार हैं-
पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से देश और दुनियाभर के आप सभी कार्यकर्ताओं के दिल को बहुत ठेस पहुंची है. हमने पार्टी के लिए काम किया है, और आगे भी करते रहेंगे. हम कार्यकर्ताओं के सामने पूरा सच रखना चाहते हैं. हमने चुनावों के दौरान शांति भूषण जी के बयानों से असहमति जताई थी.
इसके साथ ही चिट्ठी में इस बात की भी जिक्र किया गया है कि राष्ट्रीय संयोजक का पद कभी मुद्दा नहीं था, न है. लोकसभा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से दोबारा सरकार बनाने की बात कर रहे थे. कांग्रेस से दोबारा समर्थन की बात पर ही उनसे विवाद शुरू हुआ था.
इसमे लिखा गया है कि उम्मीदवारों की जांच की बात की तो हम पर चुनावों में अड़ंगा डालने के आरोप लगाए गए.
पत्र में कहा गया है कि राज्य के निर्णय राज्य इकाई ले, सब दिल्ली से तय न हो. इस बात को लेकर वे और प्रशांत ने पार्टी के भीतर आवाज उठाई थी. उन लोगों की बात से केजरीवाल असहमत थे.
आखिर में यह लिखा गया है कि हमने पार्टी की एकता और उसकी आत्मा, दोनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया और हम ही पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है.
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