अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफा दिया

Last Updated 04 Mar 2015 09:58:30 AM IST

आप पार्टी में मचे घमासान के बीच अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया है.


अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

उन्होंने अपनी व्यस्तता को इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा है कि ''वह केवल दिल्ली पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए ही यह कदम उठाया है, क्योंकि दोनों जिम्मेदारियां निभाना मुश्किल हो गया है. लिहाजा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी को यह लिखित इस्तीफा भेज दिया है.'' पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने भी पुख्ता करते हुए कहा कि केजरीवाल ने इस्तीफे की पेशकश की है, जिस पर अब पीएसी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा.

केजरीवाल इस वक्त तबीयत खराब होने के कारण बंगलुरु में हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं, वहीं दोपहर दो बजे होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केजरीवाल के इस्तीफे पर अंतिम फैसला किया जाएगा. इस बैठक में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को लेकर भी फैसला लिया जाना है.

Aap की आज दोपहर में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनईसी) की बैठक में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पर गाज गिर सकती है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि दोनों को राजनीतिक मामलों की समिति पीएसी से हटाया जा सकता है. खास बात यह है इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं होंगे .

दूसरी ओर, पहले पहल इनकार करने के बाद प्रशांत भूषण अब इस बैठक में शामिल होंगे. प्रशांत मंगलवार को कांगड़ा से दिल्ली वापस आ गए हैं. इससे पहले उन्होंने निजी व्यस्तता की बात कहकर चिट्ठी लिखकर बैठक की तारीख बढ़ाने की मांग की थी.

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर अरविंद केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाने की मुहिम छेड़ने का आरोप है. AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बयान से कार्यकर्ताओं में निराशा फैलती है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बाबत फैसला किया जाएगा.

उधर, योगेंद्र यादव ने कहा कि आप में कोई गृहयुद्ध नहीं है. कोई झगड़ा नहीं है. मतभेद और मतांतर हो सकते हैं, लेकिन किस पार्टी के अंदर दिक्‍कत नहीं होती है. पार्टी में राज्‍यों की स्‍वायत्‍ता होनी चाहिए. संयोजक पद कोई मुद्दा ही नहीं. 6 महीने पहले प्रशांत भूषण ने उठाई थी यह बात. पीएसी का पुनगर्ठन होना चाहिए. हम दूसरी पार्टियों अलग हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पार्टी के अंदर खुलेआम चल रहे संग्राम से बहुत दुख हुआ है. आप के सूत्र ने कहा कि बुधवार को होने वाली 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील और आप के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और राजनीतिक पंडित योगेंद्र यादव को नौ सदस्यों वाली पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से बाहर निकालने का फैसला लिया जा सकता है.

अगर इस तरह का फैसला लिया जाता है तो प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी के लिए फैसला नहीं ले सकेंगे. प्रशांत भूषण और योंगेंद्र यादव अगर पीएसी से बाहर निकाले जाने को अपना अपमान समझते हैं तो वे पार्टी भी छोड़ सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के ज्यादातर सदस्य यादव और भूषण पर कार्रवाई करने के पक्ष में हैं. ज्यादातर नेताओं को लगता है कि पार्टी में तथाकथित आंतरिक लोकतंत्र की कमी बताते हुए उन्होंने आप की छवि को धूमिल किया है.

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि वह लोगों के भरोसे को नहीं टूटने देंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, उससे मैं बहुत दुखी और आहत हूं. यह दिल्ली के लोगों के हम पर किए गए भरोसे के साथ धोखा है. केजरीवाल ने लिखा, मैं इस गंदे झगड़े में नहीं पडूंगा. मैं दिल्ली में सरकार चलाने पर ध्यान दूंगा. जनता के भरोसे को किसी भी हालत में टूटने नहीं दूंगा. प्रशांत भूषण के पिता व अग्रणी वकील शांति भूषण ने अपने बेटे के साथ-साथ आप नेता योगेंद्र यादव से पार्टी में संघर्षविराम और केजरीवाल का समर्थन करने की भी अपील की है.

योंगेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि मैंने और प्रशांत भूषण ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए आवाज उठाई थी. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. अगर मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो मैं देखूंगा.
 



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