लिंग्दोह की सिफारिशों के विरोध में जेएनयू स्टूडेंट्स का प्रदर्शन
देश के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में छात्र संघ की बहाली व लिंग्दोह सिफारिशें को हटाने की मांग को लेकर जेएनयू छात्र संघ के बैनर तले विद्यार्थियों ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.
लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ प्रदर्शन करते जेएनयू छात्रसंघ विद्यार्थी व प्रदर्शनकारियों को खदेड़दी पुलिस. |
इसका नेतृत्व छात्र संघ के अध्यक्ष आशुतोष कुमार ने किया. जंतर-मंतर पर पहुंचे इन विद्यार्थियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और 25 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आशुतोष कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत देश के सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव बहाल होने चाहिए. बता दें जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्र संघ चुनाव नहीं हो रहे हैं.
उन्होने कहा कि लिंग्दोह सिफारिशों के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ ने काफी संघर्ष किया. खुद लिंग्दोह समिति ने भी माना था कि जेएनयू छात्र संघ की चुनाव प्रक्रिया आदर्श चुनाव प्रक्रिया है. ऐसे में देशभर के विश्वविद्यालयों में लिंग्दोह की सिफारिशों को हटाया जाना चाहिए.
इस दौरान आशुतोष ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिल का भी विरोध किया.
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय संसद से पास कानून के तहत चलते हैं लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार को यह व्यवस्था पसंद नहीं आ रही है, इस कारण सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिल ला रहे हैं. इस बिल के लागू हो जाने से विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी.
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