कैब चालक ने चार बच्चों को रौंदा, दो की मौत

Last Updated 03 Mar 2015 04:13:42 AM IST

पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर थाना इलाके में रविवार देर रात नशे में धुत कैब चालक ने इनोवा कार से चार बच्चों को रौंद दिया.


कैब चालक ने चार बच्चों को रौंदा, दो की मौत (फाइल फोटो)

हादसे में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे के बाद कैब को मौके पर छोड़कर चालक फरार हो गया था. बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

हादसे में मौत का शिकार हुए दोनों बच्चों की पहचान शिवा (14) और दिलीप (15) के रूप में हुई. दोनों बच्चे अपने परिवार के साथ घड़ौली गांव में रहते थे. रविवार देर रात करीब 1:50 बजे शिवा और दिलीप अपने दो दोस्तों सोहिल (15) व शुभम (15) के साथ रेहड़ी पर पानी की कैन भरकर घर ले जा रहे थे. उसी दौरान लेबर चौक पहुंचने पर एक बेकाबू इनोवा कार (कैब) ने उनकी रेहड़ी को जोरदार टक्कर मार दी.

\"\"हादसे में सभी बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे के चलते मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने शिवा और दिलीप को मृत घोषित कर दिया, जबकि सोहिल व शुभम  की हालत नाजुक बनी हुई है.

हादसे के बाद आरोपी कार चालक मौके से फरार हो गया जिसे बाद में पुलिस ने दबोच लिया. आरोपी चालक की पहचान धर्मवीर सिंह 28 के रूप में हुई. शुरुआती जांच में पता लगा है कि धर्मवीर नोएडा स्थित एक निजी कंपनी की कैब चलाता है.

रविवार रात कैब चालक रात को कंपनी में काम करने वाले स्टाफ को छोड़कर लेबर चौक के पास पहुंचा तभी उसने बच्चों को टक्कर मार दी. पुलिस का कहना है कि कैब चालक नशे में धुत होकर कैब चला रहा था जिसके चलते यह हादसा हुआ. मेडिकल जांच में आरोपी के नशे में होने की पुष्टि हुई है.
आरोपी चालक मूलरूप से कानपुर निवासी है. वह राजवीर कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहता है. पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

बच्चों की मौत से घड़ौली गांव में मातम
कैब चालक की लापरवाही के चलते दो बच्चों की मौत के बाद घढ़ौली गांव में मातम पसर गया है. इन बच्चों के परिजनों का इस घटना के बाद रो रोकर बुरा हाल है. हादसे का शिकार हुए चारों बच्चे घढ़ौली गांव निवासी हैं. जब इस हादसे के बारे में चारों बच्चों के परिजनों को पता लगा तो उनके पैर तले जमीन खिसक गई.

बताया जा रहा है कि चारों बच्चों के माता पिता मजदूरी का काम करते हैं. वहीं इस हादसे का शिकार हुए दोनों बच्चों के माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल है. इस गांव में रहने वाले ज्यादतार लोगों में केवल इस बात को लेकर गुस्सा है कि गांव में पानी की व्यवस्था अगर प्रशासन की ओर से की जाती तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता. हादसे के दौरान बच्चे देर रात में अपने घरों के लिए पीने का पानी भरकर ला रहे थे.



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