बिजली कंपनियों पर शिंकजा कसने की तैयारी में दिल्ली सरकार
पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार भले ही बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई न कर सकी हो, लेकिन अब आप की सरकार ठोस कार्रवाई करने के लिए पूरा ताना बाना बुन रही है.
बिजली कंपनियों पर शिंकजा कसने की तैयारी में दिल्ली सरकार |
तानाबाना बुनने के बाद कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के अलावा तीनों बिजली वितरण कंपनियों के दागी अधिकारियों पर मामला दर्ज हो सकता है. आपराधिक प्रकरण उन अधिकारियों के खिलाफ भी दर्ज होगा, जिनके कार्यकाल में बिजली का निजीकरण हुआ और वितरण कंपनियों को लाभ पहुंचा और सरकार को क्षति हुई है.
आप सरकार द्वारा बिजली वितरण के 2002 में हुए निजीकरण (दिल्ली विद्युत बोर्ड) के अनुबंध के बाद अस्तित्व में आई बिजली वितरण कंपनियों-बीएसईएस राजधानी, यमुना और टीपीडीडीएल- को दिए गए शेयर और संपत्तियों की जांच कराई जा रही है. सरकार यह भी जानकारी एकत्रित कर रही है कि बिजली वितरण कंपनियों को प्राइम लोकेशन के कार्यालय और अन्य संपत्तियां मुफ्त में क्यों दे दी गई. इन संपत्तियों की कीमत क्यों नहीं लगाई गई.
इसके अलावा निजी कंपनियों को बिजली वितरण का काम देने के दौरान कितनी बिजली की लाइनें थी, कितनी लाइनें डाली गई, कितने ट्रांसफार्मर लगवाए गए और सबस्टेशन बनवाए गए. इसके अलावा यह भी जांचने का काम किया जा रहा है कि वह कौन सा कारण है कि दिल्ली की दो बिजली वितरण कंपनियां-बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना- न तो दिल्ली सरकार को लाभाशं में हिस्सा दे रही हैं और न ही रिटार्यड पर्सन को मिलने वाली पेंशन का हिस्सा दे रही हैं.
यह भी जांच होगी कि दोनों बिजली वितरण कंपनियां अपने हिस्से की बिजली अपनी सिस्टर कंपनी को बेचकर कितना लाभ कमा रही हैं और पिछले 12 वर्ष में कितना लाभ कमाया है. बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिजली चोरी के नाम पर होने वाली हानि की भी जानकारी दिल्ली सरकार जुटा रही है. सभी जानकारियां जुटाने के बाद राजधानी की दोनों बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों से लेकर दिल्ली सरकार के पूर्व प्रधान सचिव और पूर्व ऊर्जा सचिव पर शिंकजा कस सकता है.
दिल्ली सरकार पूरे साक्ष्य एकत्रित करने के बाद कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है. वहीं कुछ ऐसे नौकरशाहों पर भी शिंकजा कसने की तैयारी सरकार कर रही है जो छुट्टी लेकर गैर सरकारी संगठन जिनको रिलाइंस कंपनी द्वारा अर्थिक सहायता मिलती है उनमें कार्य कर चुके हैं. सरकार ने इन अधिकारियों के खिलाफ पूरे साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं.
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिजली कंपनियों की हकीकत जानने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहाकि इस कार्रवाई के लिए सीएजी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच जारी है और जांच रिपोर्ट आने के बाद बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम सरकार उठा सकती है.
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