आईबी अधिकारी बनकर करता था ठगी, धरा गया

Last Updated 23 Dec 2014 05:34:55 AM IST

गृह राज्यमंत्री का निजी सचिव तथा खुफिया ब्यूरो का वरिष्ठ अधिकारी बनकर ठगी करने वाले को क्राइम ब्रांच ने दबोचा है.


आईबी अधिकारी बनकर करता था ठगी, धरा गया

पुलिस ने दावा किया कि पकड़े गए आरोपी की पहचान शिवशंकर के रूप में हुई.

आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए. पुलिस का कहना है कि बुराड़ी स्थित झड़ौदा निवासी शातिर ठग ने खुलासा किया कि ठगी व उगाही से मिलने वाले धन को वह भारतीय प्रशासनिक सेवा कोचिंग खोलने में लगाने वाला था.

संयुक्त पुलिस आयुक्त रवीन्द्र यादव के मुताबिक हरि नगर निवासी पूरण सिंह चुनाव आयोग से सेवानिवृत अधिकारी हैं और उन्होंने यह शिकायत दर्ज कराई कि कोई व्यक्ति उसे लगातार धमकी दे रहा है. पूरण सिंह के अनुसार 20 अक्टूबर से लेकर 27 अक्तूबर के बीच उनके पास धमकी भरे कई फोन कॉल आए और फोन करने वाले बताया कि वह खुफिया ब्यूरो में वरिष्ठ अधिकारी हैं.

बाद में उसने खुद को गृह राज्यमंत्री का निजी सचिव बताते हुए सेवानिवृत्त अधिकारी से कहा कि उसने अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग में काफी धन कमाए और यदि वह अपनी भलाई चाहता है तो वह आकर उसे मिले.

 शिकायतकर्ता ने दावा किया कि शातिर ठग ने उसे गृह मंत्रालय के समीप मिलने के लिए बुलाया और बाद में उसने कमाए गए धन में से हिस्सा देने को कहा. उन्होंने जब कोई भी रकम काले धन के रूप में कमाए जाने से इनकार कर दिया तब आरोपी उसे धमकाने में लगा. शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय जाकर जब आरोपी के बारे में पता किया तब उन्हें यह जानकारी दी गई कि शिव कुमार नामक कोई भी शख्स यहां काम नहीं करता है.

इसलिए पीड़ित की शिकायत गृह राज्यमंत्री के ओएसडी की तरफ से क्राइम ब्रांच को भेज दी गई. छानबीन में इंस्पेक्टर अतुल त्यागी की देखरेख में एसआई नागेन्द्र सिंह की टीम ने विविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास से आरोपी को 21 दिसम्बर को धर दबोचा. पुलिस ने उसके पास से मोबाइल बरामद किया लेकिन अभी उस सिम कार्ड की बरामदगी नहीं हो पाई है जिससे वह लोगों को धमकी देता था.

पुलिस के अनुसार शातिर आरोपी  मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी और उसने फैजाबाद स्थित आरएमएल विविद्यालय से पीएचडी कर रखी है. उसने यूपीएससी, आईबी, सीडीएस, एसएससी, एम.फिल, यूजीसी नेट और राज्य पीसीएस के लिए कई बार परीक्षाएं दी, लेकिन वह इन परीक्षाओं में उतीर्ण नहीं हो पाया.

पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने विवाह के समय भी खुद को खुफिया ब्यूरो का वरिष्ठ अधिकारी बताया था. उसकी पत्नी एवं ससुराल वाले आज भी उसे खुफिया ब्यूरो अधिकारी समझते थे. उसने पुलिस को बताया कि वह आईएएस अकादमी खोलने का विचार कर रहा था.

इसके लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी. इसलिए वह धमकी देकर सेवानिवृत्त अधिकारी से रुपए मांग रहा था. पुलिस के अनुसार शातिर ने कई और लोगों के साथ ठगी तथा जबरन उगाही की कोशिश कर चुका है और इस बारे में जानकारी जुटायी जा रही है.



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