मानवाधिकार आयोग के फैसले पर हाईकोर्ट ने भारती से मांगा जवाब
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को दोषी करार दिए जाने को चुनौती देने की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमनाथ भारती से जवाब मांगा है.
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती (फाइल फोटो) |
अदालत ने कहा कि वह आयोग के अंतिम फैसले की जानकारी दें. उल्लेखनीय है कि मालवीय नगर इलाके के खिड़की एक्सटेंशन में कथित रूप में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती के नेतृत्व में आधी रात को छापे मारे गए थे.
इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्हें जातीय पूर्वाग्रह एवं अवैध कार्रवाई करने का दोषी पाया था. एनएचआरसी के इसी फैसले को सोमनाथ भारती ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
न्यायमूर्ति वीके शाली की बेंच ने भारती से हलफनामा दायर करने की बात कहते हुए कहा कि वह बताएं कि 27 नवम्बर को आयोग की तरफ से भेजे दस्तावेज उनको मिले या नहीं . भारती की ओर से 3 नवम्बर को को आयोग को नोटिस दिया गया था जिसके जवाब में आयोग ने उन्हें 27 नवम्बर को पत्र लिखा था.
भारती की तरफ से एनएचआरसी के अध्यक्ष को पत्र भेज कर 29 सितम्बर का आदेश इस आधार पर वापस लेने की मांग की थी कि उन्हें संबंधित दस्तावेज नहीं दिए गए. अदालत ने इस बाबत भारती से यह भी पूछा है कि उन्होने 8 दिसम्बर की कार्यवाही के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है.
भारती की तरफ से पेश एडवोकेट जसमीत सिंह ने कहा कि उनको इस बात की जानकारी नहीं है. अदालत को बताया गया कि 8 दिसम्बर को आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आदेश सुनाने के लिए 15 दिसम्बर की तारीख तय की है.
याचिका के अनुसार इस मामले में एनएचआरसी ने भारती को किसी तरह का नोटिस नहीं दिया और उनका पक्ष सुने बगैर उन्हें दोषी करार दिया.
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