नर्सरी दाखिला : दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया सरकार का दिशा निर्देश,चलेगी स्कूल की मर्जी
सामान्य वर्ग की सीटों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने नर्सरी दाखिला में सरकार के दिशा-निर्देश रद्द कर दिया हैं.
नर्सरी दाखिले में चलेगी स्कूल की मर्जी (फाइल फोटो) |
हाईकोर्ट ने नर्सरी प्रवेश पर गांगुली समिति की सिफारिशों को बरकरार रखा. कोर्ट ने निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को प्रवेशों पर फैसला करने की प्रशासनिक स्वायत्तता मिलनी चाहिए.
बच्चे के लिए स्कूल के बारे में फैसला करने का अधिकार माता-पिता के पास होना चाहिए.
नक्शे पर स्थिति से यह तय नहीं हो सकता कि किसी बच्चे को किस स्कूल में जाना चाहिए. आधिकारिक आदेशों के जरिए निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की प्रशासनिक स्वायत्तता को बाधित नहीं किया जा सकता है.
प्राइवेट स्कूलों के लिए कोर्ट से यह निश्चित तौर पर बड़ी राहत है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली में प्राइवेट गैर वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूल दाखिले के लिए खुद फॉर्मूला तय कर सकते हैं. हार्ईकोर्ट ने कहा कि स्कूल गांगुली कमेटी के तहत गाइलाइंस बनाएंगे.
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद इसका आगामी शैक्षणिक वर्ष 2015-16 के लिए दाखिले की प्रक्रिया पर प्रभाव हो सकता है.अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रखने के दौरान कहा था कि याचिकाएं निर्थक हो जाएंगी अगर सरकार नये दिशा-निर्देश जारी करती है.
गौरतलब है कि अदालत दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा 18 दिसंबर 2013 को दाखिले पर जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ माता-पिता की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन ने एक याचिका पर दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी दाखिले के लिए नयी अधिसूचना जारी करने से भी रोका था.
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