सिर्फ वैध लाइसेंस वाले चालक डीटीसी बसों को चलाएं: अदालत

Last Updated 26 Nov 2014 08:46:18 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली परिवहन निगम को निर्देश दिया कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि सिर्फ अधिकृत लाइसेंसधारियों को ही शहर की सड़कों पर डीटीसी बस चलाने की अनुमति दी जाए.


वैध लाइसेंस वाले ही चलाएं डीटीसी बसें (फाइल फोटो)

न्यायमूर्ति बी डी अहमद और न्यायमूर्ति एस मृदुल की पीठ ने चालकों के लाइसेंस के सत्यापन में विलंब के लिए डीटीसी की खिंचाई करते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों के पास अधिकृत लाइसेंस है उन्हें डीटीसी बस चलाने की अनुमति अवश्य दी जाए. आप उस व्यक्ति की जांच कैसे करेंगे जिसके पास नगालैंड का ड्राइविंग लाइसेंस है. क्यों राज्य परिवहन के अधिकारी सत्यापन की प्रक्रिया पर कार्रवाई करने में इतना लंबा वक्त लेते हैं’’.
   
अदालत एक एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि साल 2007-08 के दौरान भर्ती किए गए 4000 से अधिक डीटीसी चालकों में से ज्यादातर वर्णांध हैं और मांग की कि उनकी मेडिकल जांच फिर से की जाए.
   
सुनवाई के दौरान डीटीसी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सभी आकांक्षियों को लिखित परीक्षा में बैठना होगा और उसके बाद उन्हें इन हाउस प्रशिक्षण दिया जाता है.

पीठ ने दिल्ली सरकार को दो सप्ताह के भीतर एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने को कहा जिसमें बताने को कहा कि अनफिट लोगों के संबंध में कोई जांच शुरू की गई है, जिन्हें 2008 में चालक के पद पर भर्ती किया गया था.
   
मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात जनवरी को निर्धारित की गई.
   
अदालत ने कहा कि एजेंसी को नए आवेदकों की भर्ती करने से पहले उनके लाइसेंस की जांच करनी चाहिए और उसके बाद उन्हें शहर की सड़कों पर वाहन चलाने की अनुमति देनी चाहिए.
   
एनजीओ आजाद दस्ता संकल्प हमारा की ओर से दायर जनहित याचिका में ‘‘दिल्ली परिवहन निगम में साल 2008 में चालकों के पद पर अवैध और फर्जी तरीके से की गई नियुक्तियों की विशेष जांच दल या सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई थी’’.



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