उत्कर्ष मर्डर केस के दो आरोपी गिरफ्तार

Last Updated 26 Nov 2014 05:18:22 AM IST

दिल्ली के गांधी नगर इलाके में एक करोड़ रुपए फिरौती के लिए 13 वर्षीय बच्चे का अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है.


दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में उत्कर्ष वर्मा के हत्यारे.

पकड़ा गया एक युवक पीड़ित परिवार का जानकार है. उसने नोएडा में कॉल सेंटर खोला जहां उसे रुपये की सख्त जरूरत पड़ी जबकि दूसरे आरोपी उसके साथी को कार एक्सेसरीज की दुकान खोलने की जल्दबाजी थी.

उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त अजय कुमार के अनुसार 18 नवम्बर को गांधी नगर थाने में मुकेश वर्मा ने अपने 13 वर्षीय बेटे उत्कर्ष के अपहरण की शिकायत दर्ज करायी थी. बच्चे की सलामती के लिए एक करोड़ रुपए फिरौती की मांग की गयी थी. अगले दिन सुबह गीता कालोनी रामलीला ग्राउंड के निकट गंदा नाले के पास उत्कर्ष का शव मिला था.

\"उत्कर्षशुरुआती छानबीन में वारदात में किसी जानकार के हाथ होने की बात सामने आयी. शक की सुई प्रताप सिंह सिसोदिया पर गयी. कड़ाई से पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल कर ली. उसने इस हत्याकांड में अपने साथी सिद्धार्थ शर्मा के शामिल होने की बात भी बतायी जिसके बाद उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

पूछताछ में प्रताप सिंह ने बताया कि 14 नवम्बर को उसने अपने साथी के साथ उत्कर्ष का अपहरण कर उसे अपने गुरु आनंद नगर स्थित फ्लैट पर ले गया. जहां उसने कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया. जिसके बाद उत्कर्ष अचेत हो गया. दोनों वहां से गीता कालोनी पुस्ता पहुंचा और वहां से पहली बार फिरौती की धमकी दी. वापस जब फ्लैट पर पहुंचा तो उत्कर्ष होश में आ चुका था. उसे फिर से नशीला पदार्थ दिया गया.

इसके बाद वीथ्रीएस मॉल के पास से दूसरी बार फिरौती के लिए कॉल किया. इस दौरान प्रताप सिंह ने सिद्धार्थ को उत्कर्ष के घर भेजा जहां काफी लोग जुटे हुए थे. उसने इस बारे में प्रताप सिंह को जानकारी दी. देर रात उत्कर्ष एक बार फिर अपने माता पिता के पास जाने की जिद करने लगा. उसे संभालने में उन दोनों को मुश्किलें होने लगी जिसके बाद उसकी हत्या कर दी और सुबह पांच बजे उसके शव को नाले के पास फेंक दिया.   

पुलिस ने बताया कि प्रताप सिंह का पीड़ित परिवार से अच्छा ताल्लुक था. उसने बिल्डर के रूप में पीड़ित परिवार के मकान का निर्माण भी करवाया था. पीड़ित परिवार को फिरौती के लिए दो बार धमकी मिली थी. जिन दोनों स्थानों से धमकी दी गयी उस समय उसी स्थान के आस पास से ही प्रताप सिंह का लोकेशन भी पाया गया.

पुलिस के अनुसार 22 वर्षीय प्रताप सिंह ने हाल में नोएडा में एक कॉल सेंटर खोला था. उसे रुपये की सख्त जरूरत पड़ी. उसने जल्द रुपये कमाने के लिए अपने साथी के साथ अपहरण की साजिश रची. प्रताप मुंबई में एक्टिंग का कोर्स करने के साथ मॉडलिंग में भी हाथ आजमा चुका है. प्रताप का साथी 22 वर्षीय सिद्धार्थ शर्मा गांधी नगर में रहता है. पेशे से वह मोबाइल मैकेनिक है और वह कार एक्सेसरीज की दुकान खोलना चाहता था.

 



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