आप ने फंड जुटाने का नया फंडा किया अख्तियार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने फंड जुटाने के लिए नया फंडा अख्तियार किया है.
आप ने फंड जुटाने का नया फंडा किया अख्तियार |
पार्टी की कोशिश है कि चुनाव से पहले करीब चालीस करोड़ रुपए एकत्र कर लिए जाएं. ज्यादा जोर विदेशों से चंदा जुटाने पर है. पार्टी का अनुमान है कि पूरे चुनाव खर्च का एक तिहाई हिस्सा अप्रवासी भारतीयों से मिल जाएगा.
अमेरिका, सिंगापुर, हांगकांग, यूके, मध्य पूर्व के देशों में बनी आप की शाखाओं को चंदा जुटाने के लिए कहा गया है. अलग-अलग टीमें बनाकर एनआरआई फंड लेने की संभावना तलाशी जा रही है. विशेष जोर विधानसभा सीटों को गोद लेने का है.
इसके बाद उम्मीदवार का पूरा खर्च गोद लेने वाले के जिम्मे होगा. पार्टी की केंद्रीय इकाई उम्मीदवार की जरूरत का आकलन करेगी. इसकी जानकारी संबंधित यूनिट को दे दी जाएगी. नियमित तौर पर वह यूनिट उम्मीदवार को प्रचार सामग्री से लेकर तकनीक मदद तक मुहैया कराएगा.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज गुप्ता ने बताया कि पिछले विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा 18 सीटों को यूएसए में बसे भारतीय ने गोद लिया था. वहीं, फंड भी सबसे ज्यादा यूएसए से ही आया था.
पिछले दिनों यूएसए यूनिट को न्यूनतम सात करोड़ रुपए तक का फंड जुटाने को कहा गया है. जबकि सिंगापुर यूनिट को चार करोड़, हांगकांग को तीन करोड़, यूके को दो करोड़ व मध्य पूर्व के देशों से दो करोड़ रुपए तक इकट्ठा करने होंगे.
दान अभियान लांच : कार्यकताओं को फंड जुटाने के काम से जोड़ने के लिए अभियान लांच किया गया है. फिलहाल तीस विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ता इसे आगे भी बढ़ा रहे हैं. इसके जरिए आम लोगों से नकदी चंदा लिया जा सकेगा.
चंदा देने वाले को ई-मेल व एसएमए के जरिए रसीद मिल मिल जाएगी. फिर भी, अगर वह रसीद की हार्ड कापी चाहता है तो पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट से इसे डाउनलोड किया जा सकता है.
पहला फंड रेजिंग लंच 27 को : इसके अलावा लंच विद केजरीवाल अभियान 27 नवंबर से शुरू हो रहा है. अरविंद केजरीवाल मुंबई के सनविले बैंक्वेट हॉल में लोगों के साथ लंच करेंगे. इसमें हिस्सा लेने के लिए बीस हजार रुपए खर्च करने होंगे. दूसरी तरफ तीस नवम्बर को नई दिल्ली में दूसरा फंड रेजिंग लंच होगा.
पार्टी का अनुमान है कि ट्रेडर्स विंग के इस लंच में एक सौ से ज्यादा कारोबारी हिस्सा लेंगे. हालांकि अभी तक इसकी इंट्री फीस और जगह तय नहीं है. चुनाव अभियान जोर पकड़ने से पहले पार्टी की कोशिश है कि दूसरे राज्यों में भी इसी तरह को लंच/डिनर प्रोग्राम आयोजित किए जाएं.
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