प्ले स्कूलों में आरक्षण का मामला: अदालत ने की दिल्ली सरकार की आलोचना
दिल्ली हाई कोर्ट ने रियायती दरों पर आवंटित जमीनों पर चल रहे प्ले स्कूलों में गरीबों के लिए 25 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र विकसित करने में विफल रहने पर दिल्ली सरकार की आलोचना की.
प्ले स्कूल मामले में सरकार की आलोचना (फाइल फोटो) |
प्ले स्कूलों और नर्सरी में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने की मांग को लेकर गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने शिक्षा निदेशालय को यह भी निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि जिन स्कूलों को भूखंड आवंटित किया गया है वे सभी कानूनी प्रावधान का पालन करें.
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने जिन प्ले स्कूलों और नर्सरी को भूखंड आवंटित किया है वे सभी शिक्षा का अधिकार कानून लागू करें.
पीठ ने डीओई को यह भी निर्देश दिया कि अगर कोई स्कूल पाया जाता है कि वह कानून का उल्लंघन कर रहा है तो डीडीए को तत्काल उसकी जानकारी दी जानी चाहिए.
पीठ ने कहा कि प्रतिवादियों के इस तरह के रवैये से प्रभावित लोगों को सर्वाधिक शिक्षा की आवश्यकता है और इसे प्रदान के लिए वह योजना तैयार की गई थी. वैसे लोगों की न्याय तक पहुंच भी कम है.
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