इमाम बुखारी ने छोटे बेटे की दस्तारबंदी की
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने छोटे पुत्र शाबान बुखारी की 14वें नायब इमाम के लिए दस्तारबंदी की.
इमाम बुखारी ने छोटे बेटे की दस्तारबंदी की. |
इस अवसर पर देश विदेश के उलेमा और धार्मिक नेता मौजूद थे. दस्तारबंदी करते हुए शाबान बुखारी को पगडी बांधी गयी और दुआएं दी गयी.
इस मौके पर सऊदी अरब, मिस्र और टयूनीशिया आदि के उलेमा भी मौजूद थे. दस्तारबंदी के बाद नायब इमाम शाबान बुखारी ने इशा (रात) की नमाज पढाई.
नायब इमाम शाबान बुखारी की दस्तारबंदी विवादों के बीच की गयी है.कई मुस्लिम धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने विरोध किया है.
यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय तक भी पहुंचा. न्यायालय ने दस्तारबंदी पर रोक नहीं लगाई लेकिन कहा कि इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है.
गौरतलब है कि शाही नायब इमाम के दस्तारबंदी समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न्योता नहीं देने को लेकर काफी विवाद हुआ है.
अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह जफर के प्रपौत्र प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन टूसी ने भी बुखारी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने भी दस्तारबंदी समारोह पर रोक लगाने की मांग की है.
हैदराबाद निवासी प्रिंस याकूब का कहना है कि उनके पूर्वजों ने जामा मस्जिद को बनवाया था. शाही इमाम को यह अधिकार नहीं है कि वह दादाशाही प्रथा चलाते हुए अपना पद अपने ही वंशज को सौंपे. यह अधिकार दिल्ली वक्फ बोर्ड का है.
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