1984 सिख विरोधी दंगा पीड़ितों ने की मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग
1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की है कि मुआवजे की राशि को और बढ़ाया जाए.
दंगा पीड़ितों ने की मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग (फाइल फोटो) |
शिरोमणि अकाली दल (बादल) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओंकार सिंह थापर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार सुबह गृह मंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात की और दंगा पीड़ितों की मांगों को उनके सामने रखा.
नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को 3325 सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की थी.
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद ये दंगे भड़के थे.
थापर ने कहा, ‘‘हम यहां राजनाथ सिंह को मुआवजे में बढ़ोतरी करने के लिए धन्यवाद देने भी आए हैं. बहरहाल हमारी मांग है कि मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये या 25 लाख रूपये की जाए’’.
बैठक के दौरान पीड़ितों ने उन्हें दी जा रही पेंशन की राशि को 2500 रूपये से बढ़ाकर 5000 रूपये करने की भी मांग की.
थापर ने कहा, ‘‘सिख विरोधी दंगों के कुछ आरोपी अब भी स्वतंत्र घूम रहे हैं. हमने मांग की है कि उन्हें तुरंत दंडित किया जाए. हम उन्हें दंडित किए जाने तक चुप नहीं बैठेंगे’’.
वर्ष 2006 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार ने 717 करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें दंगे में मारे गए लोगों को 3.5 लाख रूपये के मुआवजे के अलावा घायलों और जिनकी संपति का नुकसान हुआ था, उनके लिए वित्तीय सहयोग की बात शामिल थी.
इनमें से केवल 517 करोड़ रूपये खर्च हुए और दावेदारों को लेकर विवाद के कारण शेष 200 करोड़ रूपये का वितरण नहीं हो सका.
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