दिल्ली में उपचुनाव के बाद तय होंगी बिजली की नई दरें
राजधानी में बिजली खरीद की दरों पर निर्णय 25 नवम्बर के बाद होगा. चुनाव आयोग से आए पत्र के बाद डीईआरसी ने यह निर्णय लिया है.
दिल्ली में उपचुनाव के बाद तय होंगी बिजली की नई दरें |
राजधानी में हर तीन माह में बिजली खरीद की दरें डीईआरसी द्वारा तय की जाती हैं. अगस्त माह में वाषिर्क बिजली दरें तय हुई थीं इसलिए नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में बिजली की दरों पर निर्णय लिया जाना था, लेकिन चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी.
चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष पीडी सुधाकर ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर बिजली खरीद दरें (पावर परचेज कास्ट) तय करने पर राय मांगी.
डीईआरसी के पत्र के जवाब में चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि राजधानी में तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं ऐसी स्थिति में पावर परचेज कीमत पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. लिहाजा डीईआरसी ने पावर परचेज कीमत पर चल रही प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है.
गौरतलब है कि राजधानी की तीनों बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस-राजधानी, बीएसईएस-यमुना और टीपीडीडीएल ने बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव डीईआरसी को दिया है. बीएसईएस यमुना ने 17 प्रतिशत बीएसईएस राजधानी और टीपीडीडीएल ने 7-7 प्रतिशत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है.
तीनों बिजली कंपनियों ने डीईआरसी को सौंपे अपने प्रस्ताव में कहाकि एनटीपीसी सहित अन्य बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा बिजली दरें बढ़ाने देने के कारण बिजली वितरण कंपनियों पर लगातार घाटा बढ़ रहा है. इसलिए दरें बढ़ने से बढ़ रहे घाटे पर नियंत्रण लगेगा.
इस मामले में डीईआरसी अध्यक्ष पीडी सुधाकर ने कहाकि अब पावर परचेज दरों पर निर्णय विधानसभा उपचुनाव के बाद लिया जाएगा. वही यूआरडी के महासचिव सौरभ गांधी ने कहाकि डीईआरसी तीनों बिजली कंपनियों के हितों के लिए काम करता है.
उन्होंने कहाकि पावर परचेज कास्ट पर निर्णय वर्ष में एक बार होता है, लेकिन डीइआरसी अध्यक्ष द्वारा जानबूझकर वर्ष में चार बार दरों पर निर्णय लिया जाता है जो मल्टी ईयर टैरिफ के नियमों के प्रतिकूल है.
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