दिल्ली पुलिस के जवान की गोली मारकर हत्या

Last Updated 28 Sep 2014 06:31:59 AM IST

जाफराबाद इलाके में शनिवार को दिनदहाड़े दिल्ली पुलिस के एक सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी गई.


मौजपुर इलाके में इसी जगह पर शनिवार को दिनदहाड़े बाइक सवार दो बदमाशों ने सिपाही धर्मपाल (इनसेट) की गोली मारकर हत्या कर दी. घटनास्थल का छानबीन करते पुलिसकर्मी.

हमलावर उसकी पिस्तौल भी लूटकर फरार हो गए. वारदात के समय सिपाही डय़ूटी पर तैनात था. इस घटना की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

जानकारी के अनुसार धर्मपाल (27) मूल रूप से यूपी के हापुड़ का रहने वाला था.  करीब डेढ़ महीने पहले ही धर्मपाल का ट्रांसफर भजनपुरा थाने से जाफराबाद थाने में हुआ था. शनिवार को वह मौजपुर इलाके में कुछ जगहों पर आर्म्स लाइसेंस की वेरिफिकेशन के लिए गया था.

उस दौरान धर्मपाल पुलिस की पल्सर बाइक पर था. दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मेन घोंडा रोड पर एक बाइक पर आए दो बदमाशों ने उसकी कनपटी पर गोली मार दी. धर्मपाल की मौके पर ही मौत हो गई. फिलहाल पुलिस को हमलावरों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. पुलिस रंजिश समेत अन्य दृष्टिकोणों से मामले की जांच कर रही है.

चाकू से सिपाही की बेल्ट काटकर लूट ली पिस्टल

मौजपुर इलाके में दिनदहाड़े सिपाही को गोली मारने वाले दोनों हमलावरों ने काली टी-शर्ट पहनी थी और काले रंग की पल्सर मोटर साइकिल पर घटनास्थल से मौजपुर रेड लाइट की ओर फरार हुए थे. इस वारदात के दौरान घटनास्थल के पास से गुजर रहे चश्मदीद नितिन चौधरी ने बताया कि वह अपनी कार से घर जा रहे थे. तभी उन्हें दो गोलियां चलने की आवाज़ सुनाई दी. उसके बाद उन्होंने कार से उतरकर देखा तो तो वहां एक मोटर साइकिल पर सवार दो लड़कों ने सिपाही के सिर में गोली मारी थी और उसके बाद वे चाकू से सिपाही की बेल्ट काटकर उसकी पिस्तौल और वॉकी-टॉकी लूटकर मौजपुर मैन रोड की तरफ तेजी से भाग गए.

चश्मदीद ने बताया कि वारदात के समय सिपाही मौजपुर में मेन घोंडा रोड पर जम्मू मौहल्ला स्थित गर्ग क्लॉथ एंड कटपीस हाउस से बाहर निकला था और जैसे ही सिपाही अपनी पीले रंग की पल्सर मोटर साइकिल पर बैठा तभी पीछे से आए दो हमलावरों में से बाइक पर पीछे बैठे शख्स ने सिपाही के सिर में पीछे से गोली मार दी. दोनों हमलावरों हेलमेट पहने हुए थे जिनमें से एक की लम्बाई करीब पांच फुट 8 इंच थी. हेलमेट के कारण उनमें से किसी का चेहरा नहीं दिख पाया. गोली चलने के बाद मची अफरा-तफरी में हमलावरों की मोटर साइकिल का नम्बर भी चश्मदीद नहीं देख पाए.

धर्मपाल वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था. धर्मपाल की हत्या के बाद उसका पूरा परिवार टूट गया है. उसके परिवार में उसकी मां विमला, चार बहनें और दो भाई हैं. एक भाई गाड़ियों की मरम्मत का काम करता है. धर्मपाल के पिता का 15 साल पहले निधन हो चुका है. परिजनों का कहना है कि धर्मपाल सबसे छोटा था. उसकी आय से ही परिवार का गुजारा होता था. ऐसे में वे चाहते हैं धर्मपाल की नौकरी रविंद्र को दी जाए.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment