‘अब दिल्ली की सियासत में लौटने का मन नहीं’

Last Updated 16 Sep 2014 06:01:21 AM IST

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि वे अब दिल्ली की राजनीति से अलग रहना चाहती हैं, लेकिन उनकी इच्छा कांग्रेस कार्यकारिणी में सक्रिय होने की है.


दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (File Photo)

हालांकि सोमवार को मीडिया से बातचीत में श्रीमती दीक्षित भाजपा के बारे में पूर्व में दिए गए अपने विवादित बयान पर कायम रहीं.

उन्होंने कहा कि मैंने संख्या पूरी रहने पर ही भाजपा द्वारा सरकार बनाए जाने की बात कही थी जो संवैधानिक रूप से सही है. अगर उनके पास संख्या नहीं है तो सरकार बना ही नहीं सकते हैं.

इसके कई अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के पास सरकार बनाने की संख्या नहीं है तो दिल्ली में फरवरी 2015 में राष्ट्रपति शासन की अवधि पूरा होते ही विधान सभा चुनाव हो जाएंगे.

हालांकि वह दिल्ली की राजनीति में दोबारा आने पर सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मैं पन्द्रह साल दिल्ली शासन में रही और इसके पूर्व एक वर्ष विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी लगाया, इसलिए इसपर विराम लगना चाहिए.

उन्होंने कहा कि  जिस प्रकार से उन्हें राज्यपाल पद से हटाया गया, इससे उन्हें तकलीफ हुई. अगर सभी राजनीतिक दल तय कर लें कि सरकार बदलते ही राज्यपाल बदल जाएंगे तो राज्यपाल गरिमा के साथ हट पाएंगे.

केरल के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद शीला दीक्षित अब दिल्ली में हैं. उनके पिछले सप्ताह के बयान से प्रदेश कांग्रेस में बवाल मचा है. बता दें कि हरियाणा चुनाव के बाद ही कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन संभावित है. वैसे यह माना जा रहा है कि तभी शीला दीक्षित की नई पारी शुरू होगी.



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