सोलर सिस्टम लगा बिजली बेच सकेंगे दिल्लीवासी

Last Updated 03 Sep 2014 04:57:20 AM IST

राजधानी दिल्ली के बिजली उपभोक्ता अब अपने घरों में सोलर सिस्टम लगाकर गैर पारंपरिक ऊर्जा से बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और बची बिजली को बेचकर लाभ कमा सकते हैं.


सोलर सिस्टम लगा बिजली बेच सकेंगे दिल्लीवासी

इसके लिए डीईआरसी ने नेट मीटरिंग रेग्यूलेशन-2014 लागू कर दिया है. रेग्यूलेशन के लागू हो जाने के बाद अब कोई भी उपभोक्ता अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा पण्राली लगाकर बिजली का उत्पादन कर उसका स्वयं उपयोग कर सकता है और बची बिजली ग्रिड को बेच सकता है. 

दिल्लीवासी अपने घरों में सोलर सिस्टम लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं. इसके लिए अब कोई नियम आड़े नहीं आएगा. इसके लिए डीईआरसी ने अब नेट मीटरिंग रेग्यूलेशन लागू कर दिया है.  आयोग ने यह कदम दिल्ली में सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया है. इस व्यवस्था के तहत सोलर सिस्टम लगाने वालों को अपने घरों में नेट मीटर लगाना हो गया. नेट मीटर में बिजली आपूर्ति और सप्लाई दोनों की रीडिंग दर्ज होगी और इसी आधार पर उपभोक्ता की बिलिंग होगी. जितनी बिजली उसने ग्रिड को दी होगी उसे उतनी बिजली की कीमत ग्रिड देगा.

डीईआरसी के अध्यक्ष पीडी सुधाकर ने बताया कि नेट मीटरिंग रेग्यूलेशन लागू होने से बिजली उपभोक्ता को लाभ होगा और वह अपने घरों अथवा अन्य खाली पड़े स्थानों पर सोलर सिस्टम लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकता है. उन्होंने कहा कि कोयला और अन्य ईधन के समाप्त होने पर पारंपरिक ऊर्जा का उत्पादन रुक सकता है, लेकिन जब तक सूर्य रहेगा तब तक सोलर एनर्जी का उत्पादन किया जा सकता है. सुधाकर ने कहा कि सोलर सिस्टम से उत्पादित बिजली की जो कीमत तय होगी उसी कीमत पर ग्रिड को दी बिजली उपभोक्ता की बिजली का मूल्यांकन किया जाएगा.

अगर उपभोक्ता बिजली के बदले बिजली लेना चाहे तो उसे बिजली के बदले बिजली मिलेगी और अगर ग्रिड को दी गई बिजली की कीमत लेना चाहे तो उसे उसका मूल्य मिलेगा. डीईआरसी अध्यक्ष ने कहा कि सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना जरूरी है क्योंकि दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है.  उन्होंने कहा कि सोलर सिस्टम के लिए एक बार व्यय करना होता है और दीर्घकाल तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है.

सुधाकर ने कहाकि 2013 में बिजली  वितरण कंपनियों को कुल मांग का 10 प्रतिशत गैर पारंपारिक ऊर्जा से उत्पादित बिजली का वितरण करने के निर्देश दिए गए थे. इसके तहत हर वर्ष 3 प्रतिशत गैर पारंपरिक ऊर्जा को कुल ऊर्जा में सम्माहित करना होगा. उन्होंने कहाकि बिजली कंपनियां सौर ऊर्जा,  विंड एनर्जी और निगम वेस्टेज से उत्पादित बिजली की आपूर्ति कर सकता है.

पुरुषोत्तम भदौरिया
एसएनबी


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