वाई फाई सिस्टम से लैस होगी दिल्ली
दिल्ली अब देश का स्मार्ट शहर बनेगा. राजधानी पूर्णत: वाई फाई सिस्टम से लैस होगा. यहां बिजली, पानी और परिवहन की बेहतर व्यवस्था होगी.
वाई फाई सिस्टम से लैस होगी दिल्ली |
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव शंकर अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर उनसे विस्तृत विचार और सलाह मांगी हैं. अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि केन्द्र में नई सरकार बनते ही 100 स्मार्ट शहर बनाने पर जोर दिया जा रहा है और मंत्रालय स्मार्ट सिटी बनाने की गाइडलाइन तैयार कर रहा है.
साथ ही इन शहरों को दिए जाने वाले फंड तथा स्कीम की रूपरेखा भी तैयार हो रही है. बड़े प्रोजेक्ट को अनुदान मिलेंगे. उन्होंने कहा कि जेएनएनयूआरएम परियोजना बंद हो चुकी है लेकिन इस परियोजना के अनुभवों को भी शामिल किया जाना है. 100 स्मार्ट सिटी की औपचारिक घोषणा 15 सितम्बर के बाद संभव है.
अग्रवाल ने कहा कि जेएनएनयूआरएम परियोजना 31 मार्च 2014 को ही बंद हो चुकी है और इसके बाद मंत्रालय अब शहरी विकास की नई और महत्वाकांक्षी परियोजना का विस्तृत मसौदा तैयार कर रहा है. राष्ट्रपति ने भी शहरों में वि स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने पर बल दिया है और केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी 100 स्मार्ट शहरों के अलावा बड़े शहरों के पास सेटेलाइट टाउन विकसित करने की घोषणा की है. इस संदर्भ में शहरों में मूलभूत संरचना विकसित करने के लिए बड़े प्रोजेक्ट को वित्तीय अनुदान प्राप्त हो सकेगा, शहरों को क्षमता संवर्धन के लिए भी वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकेगा और लोगों को दी जाने वाली सेवाओं में पर्याप्त सुधार के लिए भी सहायता प्राप्त होगी.
सूत्रों के अनुसार सभी स्मार्ट सिटी पूर्णत: वाई फाई सुविधा से युक्त होगा. इस बाबत नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् वाई फाई सुविधा प्रदान करने की कार्ययोजना बना रहा है. बाद में इसे शहर के सभी हिस्से में विस्तारित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी के सभी घरों में बिजली और पानी की पूर्ण सुविधा होगी.
यहां ई-गवन्रेस पूर्णत: लागू किया जाएगा. केन्द्र सरकार का सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग इसकी कार्ययोजना बना रहा है. पूरे शहर की परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी. स्मार्ट सिटी योजना के अलावा राष्ट्रीय हेरिटेज सिटी योजना पर भी कार्य शुरू हो गया है. दोनों परियोजनाओं का लाभ राजधानी को मिल सकेगा. सनद रहे कि 100 स्मार्ट शहर में 50 से ज्यादा बड़े शहरों को शामिल किया जाएगा और शेष छोटे शहरों को भी शामिल किया जाएगा ताकि वहां भी बुनियादी सुविधा को बेहतर बनाया जा सके.
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