फर्जी डोक्यूमेंट से डीयू में एडमिशन,कीमत लाखों में
डीयू में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्र दाखिला ले रहे हैं. एक गिरोह के पकड़े जाने पर इस बात का खुलासा हुआ है.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली के कॉलेजों में एडमिशन |
मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक डीयू का छात्र है. मुलजिमों की पहचान गुडगांव निवासी अरविंद यादव, दयाराम व मुकेश मान के तौर पर हुई है.
पुलिस ने इनके पास से फर्जी दस्तावेज, लैपटाप, प्रिंटर व एक सरकारी अस्पताल डॉक्टर की स्टैंप बरामद की है. दक्षिण दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर यह गिरोह प्रत्येक छात्र से तीन से पांच लाख रुपये ऐंठ लेता था.
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक चांद ने बताया 25 अगस्त को एक सूचना पर द्वारका इलाके से अरविंद को पकड़ा गया. उसके पास से फर्जी दस्तावेज व सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर की मुहर मिली. पूछताछ में पता चला कि वह डीयू से स्नातक है.
पहले वह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता था लेकिन उसकी आवश्यकता के अनुसार उसकी आमदनी नहीं थी. इसलिए उसने फर्जीवाड़े का धंधा शरू कर दिया. वह डीयू का छात्र रह चुका है, इसलिए उसे आवेदन प्रक्रिया के दौरान खामियों की जानकारी थी.
उसने बुलंदशहर यूपी के रहने वाले दयाराम (36) की इस काम में मदद ली. दयाराम एक प्राइवेट स्कूल का शिक्षक रह चुका है. उसी ने छात्रों के दाखिला कराने के लिये फर्जी दस्तावेजों जैसे शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का इंतजाम किया. वर्ष 2013 में इस गिरोह ने तीन छात्रों का फर्जी तरीके से दाखिला करवाया.
जिसमें 19 वर्षीय मुकेश मान नाम का डीयू छात्र भी शामिल है. इस साल यह गिरोह करीब दस छात्रों को नकली मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र आदि के जरिये दक्षिण दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन करवा चुका था. इनके पकड़े जाने पर उन छात्रों का भविष्य भी दाव पर लग गया है, जिन्होंने मोटी रकम देकर डीयू में दाखिला पा लिया.
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