सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ हवाला का मामला दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन (फाइल फोटो) |
ईडी ने अपनी जांच शुरू की तो कई सनसनीखेज मामले सामने आए.
सूत्रों के अनुसार ईडी ने जांच में यह पाया कि सलाहउद्दीन ने पिछले आठ वर्षों में करीब 80 करोड़ रुपए से ज्यादा के विदेशी फंड पाए और उसका उपयोग भारत में आतंकवादी गतिविधियों में किया.
जांच में यह पाया गया कि सारी रकम हवाला के जरिए भारत में लाई गई.
इस रकम को खासतौर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों को जो कश्मीर के पुलवामा, कुपवाड़ा, सोपोर, बड़गांव, डोडा और बारामूला में हैं, उन्हें बांटी गई. सलाहुद्दीन हिजबुल का उत्तरी कश्मीर इलाके का कमांडर था और साथ ही साथ वह वित्तीय मामले को भी देखता था.
वह हिजबुल मुजाहिदीन के रावलपिंडी स्थित मुख्यालय से धन लेकर कुछ व्यावसायियों को देता था. यहां तक कि उसने अलग-अलग बैंकों में 20 से ज्यादा खाते खोल रखे थे. इस रकम को भी वह आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में खर्च करता था.
सूत्रों के अनुसार सलाहुद्दीन दिल्ली में मुख्यत: जामा मस्जिद, लाजपतनगर और भोगल के इलाके में हवाला चैनल के द्वारा धन प्राप्त करता था और उसके बाद उसको कश्मीर भेजता था. यहां तक कि कश्मीर में सरकारी व गैरसरकारी संस्थानों व संगठनों से भी जुड़ा हुआ था.
ईडी अब उन लोगों का पता लगा रही है, जिन लोगों को यह फंड देता था. जांच में पाया गया कि करीब 673 लाभ पाने वाले लोग व संस्थाएं हैं.
यहां तक कि जम्मू-कश्मीर इफेक्टिेड रिलीफ ट्रस्ट से भी इसके संबंध थे, इसकी जांच की जा रही है. जांच में यह मालूम हुआ है कि कुछ व्यवसायी जो पाकिस्तान से भारत में ट्रेडिंग गतिविधि कर रहे हैं, उनसे भी इसके संबंध थे.
लिहाजा उनके भी बैंक खाते और ट्रांसफर करने की पण्राली का उपयोग सलाहुद्दीन करता था, जिसके विवरण को ईडी इकट्ठा कर रही है और व्यवसायियों का पता लगा रही है, जो मुख्यत: मुजफ्फराबाद के व्यवसायी हैं. ईडी के रडार पर भोगल, जामा मस्जिद इलाके के कुछ हवालिये और कुछ कारोबारी हैं.
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