आम आदमी निराश, नहीं आएंगे अच्छे दिन : केजरी
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि समाज के किसी भी तबके को कुछ नहीं मिला है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एंवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (फाइल फोटो) |
भ्रष्टाचार, महंगाई और संभावित सूखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बजट निराशाजनक है. आम आदमी के लिए अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं.
बजट पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों को बजट से बहुत उम्मीदें थी लेकिन इसने निराश कर दिया. बजट उम्मीद की आखिरी किरण थी.
भ्रष्टाचार व महंगाई से लड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. हालात से निपटने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई है, जबकि खराब मॉनसून के चलते सूखा पड़ने की आशंका है. आप नेता ने कहा कि बजट ने न तो गरीबों का भला किया है ना ही मध्यम वर्ग का और ना ही इसने कॉरपोरेट क्षेत्र का ध्यान रखा. राजग और संप्रग के बीच कोई अंतर नहीं है. केजरीवाल ने कहा यदि आप अपनी आंखें बंद कर लें और जेटली को ठीक से सुनें तो आप को लगेगा कि यह चिदंबरम बोल रहे हैं.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बजट में कुछ नहीं है. सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कहा है. बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने को लेकर भी केजरीवाल ने भाजपा की आलोचना की. इन दिनों और चुनाव के पहले भाजपा ने कहा था कि वह बीमा क्षेत्र में एफडीआई की इजाजत नहीं देगी. राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह रेलवे के निजीकरण की इजाजत नहीं देंगे. लेकिन भाजपा सत्ता में आने के बाद पूरी तरह से अपनी बात से पलट गई है.
बजट में राष्ट्रीय राजधानी में बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए 200 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं और पानी आपूर्ति में सुधार के लिए 500 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी को जलापूर्ति की समस्या के हल के लिए लंबे समय से लंबित रेणुका बांध के निर्माण को वरीयता दी गई है जिसके लिए 50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
इस बारे में केजरीवाल ने कहा कि 200 करोड़ रुपए में सरकार किस तरह का सुधार करेगी. इसके बजाय इसे लोगों को बिजली पर सब्सिडी देनी चाहिए और पानी मुफ्त में उसी तरह से देना चाहिए जैसे कि हमनें आप के सत्ता में रहने के दौरान किया था.’
उन्होंने रेल बजट को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सीट बढ़ाने, समयबद्धता पर जोर देने की बजाय मोदी ने अहमबदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड ट्रेन को वरीयता दी. पूरा ध्यान इस 60,000 करोड़ रुपए की परिजयोना पर था.
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