लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला : डीटीसी को 59.23 लाख रूपये का मुआवजा चुकाने का निर्देश
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने दिल्ली नगर निगम (डीटीसी), उसके ड्राइवर और बीमा कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया.
डीटीसी बस (फाइल फोटो) |
न्यायाधिकरण ने उस व्यक्ति के परिजन को मुआवजा के तौर पर 59.23 लाख रूपये देने का निर्देश दिया है जिसकी निगम की बस से टक्कर के कारण मृत्यु हो गयी थी.
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी एससी मलिक ने डीटीसी, उसके ड्राइवर वीरेंद्र सिंह और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को संयुक्त रूप से और अलग-अलग हरजिंदर सिंह के उत्तराधिकारियों को 59,23, 326 रूपये मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी माना.
न्यायाधिकरण ने कहा, \'\'मृतक की पत्नी अमरजीत (मामले में प्रत्यक्षदर्शी) की गवाही और प्रस्तुत आपराधिक रिकार्ड की प्रतियों को देखते हुए कोई संदेह नहीं रह जाता है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण ही पीड़ित को 26 सितंबर 2012 को सड़क दुर्घटना में जानलेवा चोट आयी थी.\'\'
उन्होंने कहा, \'\'प्रतिवादी नंबर 1 बतौर ड्राइवर, प्रतिवादी नंबर 2 बतौर मालिक और प्रतिवादी नंबर 3 वारदात में शामिल वाहन की बतौर बीमाकर्ता कंपनी संयुक्त तौर पर और अलग अलग याचिकाकर्ता को मुआवजे की अदायगी के लिए उत्तरदायी है.\'\'
शिकायत के मुताबिक मोटरसाइकिल से जा रहे हरजिंदर को पटेल नगर में तेज गति से आ रही डीटीसी की एक बस ने टक्कर मार दी थी. हरजिन्दर दिल्ली ट्रांसको में सीनियर इलेक्ट्रानिक सहायक था.
ड्राइवर और डीटीसी ने हालांकि दावा किया था कि यह हादसा ड्राइवर की लापरवाही की वजह से नहीं हुआ बल्कि पीड़ित की लापरवाही ही इसके लिए जिम्मेदार थी.
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