आप की सरकार 15 दिन में पलटी 15 बार

Last Updated 14 Jan 2014 06:09:25 AM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को बने हुए अभी पंद्रह दिन ही हुए हैं लेकिन सरकार की कार्यप्रणाली से ब्यूरोक्रेसी ही नहीं आम आदमी में भी असमंजस की स्थिति है.




आप की सरकार 15 दिन में पलटी 15 बार

हाल यह है कि सरकार किसी भी काम के लिए पहले कदम बढ़ाती है और फिर अपने ही कदम वापस खींच लेती है. पिछले चंद दिनों में ही मुख्यमंत्री केजरीवाल की सरकार 15 बार अपने फैसलों को पलट चुकी है. फैसले बदलने का यह सिलसिला सरकार बनने के पहले दिन से ही दिखाई दे रहा है.

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही जिस तरह अपने घोषणापत्र व एजेंडे को पूरा करने के लिए व्यापक रणनीति बनाई थी उससे बड़ी उम्मीदें दिखाई दे रही थीं. केजरीवाल स्वयं भी बार-बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि उनकी सरकार से दिल्ली की जनता को बहुत उम्मीदें हैं लेकिन सरकार के पहले एक पखवाड़े में ही जिस तरह केजरीवाल अपने ही फैसलों को पलट रहे हैं उससे आम आदमी में तो गलत संदेश जा ही रहा है साथ ही नौकरशाहों को भी मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों की कार्यप्राणाली समझ नहीं आ रही है. हाल यह है कि तमाम नीतिगत फैसलों को लेकर अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

 पहले दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने मेट्रो से शपथग्रहण समारोह पहुंचकर यह संदेश दिया कि वह सार्वजनिक परिवहन साधनों का प्रयोग करेंगे लेकिन तीन दिन बाद ही मंत्रियों ने सरकारी गाड़ियां ले लीं, उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि लालबत्ती लेने के लिए मना किया था सरकारी गाड़ी के लिए नहीं. सरकार बनने के अगले ही दिन सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया, मीडिया जगत में आलोचना होने लगी तो चार घंटे में ही सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया.

शपथ के दिन ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बोला था कि वह सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन पहले अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा ली और अब प्रत्यक्ष रूप से उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध सुरक्षा ले ली. हास्यास्पद बात तो यह है कि सुरक्षा लेने के बाद यह बोल रहे हैं कि सुरक्षा जवानों की गाड़ी उनकी गाड़ी से दूर चलेगी.

जजों की बैठक बुलाने तथा मंत्री राखी बिरला द्वारा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने संबंधी निर्णय जहां सरकार को वापस लेने पड़े हैं वहीं सदन में टोपी पहन कर जाने का निर्णय भी सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने बदल दिया. सत्ता में आने से पहले अरविंद ने केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर पानी के एक मीटर को फूंक कर दिखाया था कि इस मीटर में हवा पास होने पर भी मीटर चलता है अब वही मीटर जलबोर्ड द्वारा लगाए जा रहे हैं. उन्होंने 700 लीटर पानी नि:शुल्क देने का ऐलान किया था लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत पानी की दरें बढ़ा दीं.

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जब बिजली पर सब्सिडी दी थी तो केजरीवाल ने कहा था कि शीला दीक्षित ने सरकार को बिजली कंपनियों के हाथ गिरवी रख दिया है. आम आदमी पार्टी सत्ता में आई तो बिजली के दाम आधे कर देगी लेकिन सत्ता में आते ही केजरीवाल ने भी शीला दीक्षित की तर्ज पर बिजली बिलों में सब्सिडी दे दी. जनता दरबार को लेकर भी केजरीवाल सरकार बार-बार निर्णय बदलती रही है.

 पिछले शुक्रवार को ही केजरीवाल ने कहा था कि भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए अनेक लोगों के स्टिंग प्राप्त हो गए हैं जिन पर सोमवार को छापेमारी की जाएगी लेकिन सोमवार को कहा कि स्टिंग अच्छे नहीं थे इसलिए छापेमारी नहीं की गई. दिल्ली की जनता का एक बड़ा वर्ग केजरीवाल सरकार से बड़े फैसलों की उम्मीद कर रहा है लेकिन सरकार गठन के बाद से ही जिस तरह केजरीवाल सरकार को  एक के बाद एक अपने ही फैसलों को बदलना पड़ रहा है उसे देखते हुए निश्चित रूप से केजरीवाल के सामने जनविश्वास को बनाए रखने का संकट उत्पन्न हो सकता है.

आप की सरकार 15 दिन में पलटी 15 बार

-  पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने का वादा, मंत्रियों ने लीं गाड़ियां
-  सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध दो घंटे में वापस
-  केजरीवाल ने कहा-फ्लैट में रहूंगा, फिर डुप्लैक्स आवास स्वीकारा,जन दबाव में छोड़ा. नए घर की तलाश अभी जारी.
-  666 लीटर पानी नि:शुल्क देने का ऐलान, 10 प्रतिशत दरें बढ़ा दीं
-  सड़क पर जनता दरबार लगाया अब कोई दरबार नहीं लगेगा
-  पहले बोला सरकार आम आदमी के बीच जाएगी अब कॉल सेंटर बनाएंगे
-  बिजली के दाम आधे करने का ऐलान किया लेकिन सब्सिडी दे दी
-  जजों की बैठक बुलाने का प्रयास,हंगामे के बाद थमे मंत्री
-  सदन में विधायक टोपी पहन कर पहुंचे,हंगामे के बाद सुधरे
-  मंत्री राखी बिरला ने हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई, बच्चे का परिवार दिक्कत में फंसा
-  पानी बिलों में मनमानी रोकने के बजाए विवादित मीटर लगाने शुरू कर दिए
-  भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की, अब बोले सभी फोन कॉलों का रिस्पांस संभव नहीं
-  कहा-सुरक्षा नहीं लेंगे,पुलिस दे रही बिन बताए सुरक्षा
-  सोमवार को कई विभागों में एंटीकरप्शन की रेड का दावा, फिर बोले स्टिंग अच्छे नहीं थे इसलिए नहीं की रेड
-  चुनाव से पहले के बकाया बिजली के बिल माफ किए, फिर पलटे

संजय टुटेजा
एसएनबी


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