तत्काल बिजली दरें आधी करने पर देनी होगी 3000 करोड़ सब्सिडी

Last Updated 23 Dec 2013 06:23:28 AM IST

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का आम जनता से सबसे बड़ा वादा बिजली बिलों को आधा करना है.


बिजली दरें आधी करने पर तीन हजार करोड़ सब्सिडी (फाइल फोटो)

केजरीवाल सरकार बनाने के बाद यदि बिजली बिलों को आधा करने संबधी अपने संकल्प को तत्काल पूरा करने का ऐलान करते हैं तो लगभग तीन हजार करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी देनी होगी. बिजली बिलों को कम करने का दूसरा रास्ता बिजली कंपनियों का आडिट कराना है लेकिन इस रास्ते पर चलने से न तो बिजली के बिल तत्काल आधे हो जाएंगे और न ही इस बात की गारंटी होगी कि आडिट कराने के बाद बिजली कंपनियां भारी भरकम मुनाफे में दिखाई देंगी.

राजधानी की आम जनता बिजली के बढ़ते बिलों से जूझ रही है और बिजली के बिलों को मुददा बनाकर ही अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के दिलों में जगह बनाई है. ऐसे में केजरीवाल सरकार बनाते हैं तो उन्हें बिजली के बिल कम करने के लिए तत्काल कोई कदम उठाना होगा. केजरीवाल ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि बिजली कंपनियां फर्जी आंकड़े पेश कर घाटा दिखाती हैं और कई प्रमुख एजेंसियों की बिजली खपत जीरो दिखाई जाती है ताकि आंकड़े देखने पर कंपनियों को घाटा दिखाई दे. केजरीवाल यह तर्क देते रहे हैं कि यदि बिजली कंपनियों का आडिट कराया जायेगा तो कंपनियां फायदे में आयेंगी जिससे बिजली के बिल कम हो जायेंगे.

बिजली कंपनियों का आडिट कराना एक लंबी प्रक्रिया है इसमें तीन माह से छह माह का समय भी लग सकता है, आडिट के बाद भी यह गारंटी नहीं है कि बिजली कंपनियों के खाते में मुनाफा दिखाई देने लगे, दूसरी ओर आम जनता बिजली बिलों में तत्काल राहत की उम्मीद लगाये हुए है. दिल्ली सरकार बिजली बिलों में वर्तमान में 500 करोड़ की सालाना सब्सिडी दे रही है. यह सब्सिडी 200 यूनिट तक प्रति माह बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 1.20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से तथा 200 से 400 यूनिट के बीच बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 80 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से दी जा रही है.

ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में तीनों बिजली कंपनियों के लगभग 33 लाख उपभोक्ता हैं जो 11000 मिलियन यूनिट बिजली की खपत प्रति वर्ष करते हैं. घरेलू उपभोक्ता औसतन 900 मिलियन बिजली की खपत प्रति माह करते हैं. इन सभी उपभोक्ताओं के मौजूदा बिलों को यदि आधा किया जाता है तो 2 से 3 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देनी पड़ेगी.

हालांकि ऊर्जा विभाग के अधिकारी इस बारे में अधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से इनकार करते हैं लेकिन उनका मानना है कि बिलों को आधा करने के लिए लगभग 3000 करोड़ की सब्सिडी  सरकार को देनी होगी. यदि सरकार इतनी बड़ी सब्सिडी बिजली बिलों पर देगी तो निश्चित रूप से इसका असर विकास कायरे पर पड़ेगा.

संजय टुटेजा
एसएनबी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment