मप्र में पूर्व मुख्यमंत्री तक की नहीं सुनते अफसर

Last Updated 28 Feb 2017 03:27:15 PM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर ने मंगलवार को राज्य की नौकरशाही पर जमकर हमला बोला और कहा कि प्रदेश में आलम यह है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विवेक अग्रवाल उनकी सुनते तक नहीं है.


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल (फाइल फोटो)

विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक गौर ने भोपाल के करीब स्थित कचरा डंपिंग मैदान भानपुर खंती को लेकर सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा कि यह खंती कितने क्षेत्र में फैली है और इस कचरे के प्रदूषण से कितनी आवासीय बस्तियां और आबादी प्रभावित हो रही है. इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह द्वारा प्रदूषण को लेकर कोई वैज्ञानिक रपट न होने की बात कही गई.

मंत्री ने कहा कि कचरा डंपिग स्थल के लिए भानपुर में 36.62 एकड़ भूमि आवंटित है, जिसमें से 32 एकड़ भूमि पर कचरे की डंपिंग होती है.

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ विधायक गौर ने कहा कि राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों से यह बात सामने आई थी कि भानपुर खंती के आसपास की बस्तियों के 93 प्रतिशत लोग विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं.



गौर ने भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने की चल रही कवायद पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि भानपुर खंती के कचरे से होने वाले प्रदूषण और अन्य समस्याओं के मसले पर नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त विवेक अग्रवाल उनकी सुनते तक नहीं है. विवेक अग्रवाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव हैं.

गौर के आरोपों के बीच नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री, जो कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, की अफसर नहीं सुनते तो विधायकों का क्या होता होगा. इस बात को आसानी से समझा जा सकता है.

आईएएनएस


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