मप्र : राशन के गेहूं की कालाबाजारी की जांच होगी

Last Updated 27 Feb 2017 03:10:22 PM IST

मध्य प्रदेश के रीवा जिले से उत्तर प्रदेश के बाजार में बेचने के लिए ले जाए जा रहे राशन के गेहूं से भरे दो ट्रकों के पकड़े जाने का मामला सोमवार को विधानसभा में गूंजा, जिसके बाद परिवहन और गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पूरे मामले की जांच कराने का भरोसा दिया.




(फाइल फोटो)

गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "खाद्यान्न की कालाबाजारी मामले में 17 आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें से 11 गिरफ्तार किए जा चुके हैं और छह फरार हैं. जहां तक न्यायालय में चालान पेश करने की बात है, उस पर जल्द कार्रवाई होगी. इस मामले की जांच कराई जाएगी."

कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अक्टूबर 2016 में कालाबाजारी के लिए रीवा से उत्तर प्रदेश ले जाए जा रहे गेहूं से भरे दो ट्रकों के पकड़े जाने का मामला उठाया. उन्होंने आरोप लगाया, "रीवा ही नहीं पूरे प्रदेश के राशन के खाद्यान्नों की कालाबाजारी होती है और जरूरतमंदों को खाद्यान्न नहीं मिलता है. यही कारण है कि राज्य में कुपोषण बढ़ रहा है."



तिवारी ने कहा कि जो दो ट्रक पकड़े गए थे, उनमें न तो आरोपियों पर कार्रवाई हुई और न ही न्यायालय में चालान पेश किया गया.

तिवारी ने कहा, "खाद्य विभाग के अधिकारी हर माह थानों में गेहूं व खाद्यान्न चोरी होने का आवेदन देते हैं, यह आवेदन दो प्रतियों में होता है. एक प्रति पुलिस के पास दूसरी संबंधित विभाग कर्मी के पास होती है. लेकिन इस पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं की जाती है. इस तरह खाद्यान्न को खुले बाजारों में मिलीभगत से बेचा जाता है."

आईएएनएस


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