मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान दिखी गुटबाजी
मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के पिछले 13 सालों के कथित कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को भोपाल में कांग्रेस के विशाल प्रदर्शन के दौरान गुटबाजी भी सामने आई.
(फाइल फोटो) |
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस ने गुटबाजी को दबाने के लिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेता कमलनाथ दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पार्टी के सभी बड़े नेताओं को चार साल बाद एक मंच पर लाकर अपनी ओर से एकता दिखाने के लिए भरसक प्रयास किया, फिर भी इस प्रदर्शन में गुटबाजी दिखी.
सिंधिया और कमलनाथ के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं के प्रभुत्व को दिखाने लिए उनके पक्ष में नारेबाजी कर अपनी शक्ति प्रदर्शित की. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश एवं युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमरिन्दर सिंह बरार ने मंच से प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध करना पड़ा कि वे सिंधिया एवं कमलनाथ के पक्ष में नारे न लगाये.
नारेबाजी के चलते मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव भी मंच पर कुछ परेशान नजर आये. इस मंच से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह ने भी प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया.
शहर के मुख्य मागरे पर सिंधिया एवं कमलनाथ के पोस्टर एवं बैनर लगाये गये थे. उनके चहेते समर्थक अपने-अपने नेताओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को हटाकर उनके स्थान पर अपने-अपने नेताओं को इस पद पर काबिज करने के लिए नारे लगा रहे थे. यादव को कांगेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है.
सड़कों के किनारे लगे पोस्टर एवं बैनरों की गिनती में कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अन्य नेताओं से कुछ कमजोर नजर आये, जबकि वह प्रदेश में लगातार 10 साल तक वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक राज कर चुके हैं. इससे ऐसा लगता है कि प्रदेश में उनके समर्थकों में कमी आई है.
वहीं, सिंधिया की फोटो वाले बड़े-बड़े विज्ञापन शहर के हिन्दी अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर थे. इसके अलावा, कुछ समाचार पत्रों में कमलनाथ की फोटो वाले विज्ञापन भी नजर आये.
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