एमपी : जासूसी कांड के बाद भाजपा विरोधियों के निशाने पर
मध्यप्रदेश में भारतीय सामरिक महत्व की जानकारियां पाकिस्तान को देने के आरोप में पकड़े गए 11 संदिग्धों में से दो व्यक्तियों के कथित तौर पर सीधे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े होने का मामला सामने आने पर विरोधी दलों ने सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर निशाना साधा.
अध्यक्ष अरुण यादव (फाइल फोटो) |
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर आईएसआई नेटवर्क की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर और सतना शहरों में आईएसआई के नेटवर्क के फैले होने के बाद प्रदेश सरकार और पुलिस के सुरक्षा संबंधी दावों की पूरी तरह पोल खुल गई है.
सत्तारूढ़ दल की वास्तविकता भाजपा पार्षद के परिवार के सदस्य और पार्टी के एक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी के पकड़े जाने से सामने आ चुकी है.
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव बादल सरोज ने कहा कि एसआईटी द्वारा पकड़े गए आरोपियों के भाजपा से संबंध हैं. भोपाल में पकड़ा गया व्यक्ति भाजपा की इकाई का पदाधिकारी था. वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता और मंत्री विश्वास सारंग के साथ फोटो खिंचवाता था. ग्वालियर वाला सीधे भाजपा के पार्षद के घर का सदस्य था.
माकपा नेता ने कहा कि इतने संगीन अपराध में संलिप्त लोगों के संरक्षणदाता, जिनके साथ आरोपी की तस्वीर है, उनसे भी पूछताछ होनी चाहिए. उनका इशारा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की तरफ था.
| Tweet |