मप्र : महाकाल मंदिर सेवकों के लिए गणवेश अनिवार्य

Last Updated 01 Feb 2017 04:09:25 PM IST

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर के सेवक (कर्मचारी) अब निर्धारित गणवेश (वर्दी) में नजर आएंगे और जो ऐसा नहीं करेगा, उसका 15 दिन का वेतन काट लिया जाएगा.


(फाइल फोटो)

महाकालेश्वर मंदिर की प्रबंध समिति के अध्यक्ष और जिलाधिकारी संकेत भोंडवे ने सभी सेवकों को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से निर्धारित गणवेश पहनने और मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उपलब्ध कराए गए परिचय-पत्र को लगाकर आने के निर्देश दिए हैं.

साथ ही चेतावनी भी दी है कि जो सेवक इन निर्देशों का उल्लंघन करेंगे, उनका 15 दिन का वेतन काटा जाएगा.

आधिकारिक तौर पर मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, जिलाधिकारी भोंडव ने मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा को निर्देश दिए हैं कि वे चार दिन के अंदर निर्धारित गणवेश तय कर सेवकों को गणवेश उपलब्ध कराएं. जब तक नई गणवेश उपलब्ध नहीं होती, तब तक सेवक पुरानी गणवेश पहनकर आएं.



मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि मंदिर के सेवकों की विशिष्ट पहचान रहे, इसके लिए वर्षो से ड्रेसकोड लागू है. इसी क्रम में ये निर्देश जारी किए गए हैं.

आईएएनएस


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