डेढ़ लाख में खरीदी दुल्हन, शादी के अगले दिन ही पति को दे गयी चकमा
मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दुल्हन की शादी के अगले दिन ही पति को धोखा देकर भागने की सूचना संज्ञान में आयी है. हालांकि बाद में पति ने अन्य लोगों के साथ मिलकर लड़की को पकड़ लिया.
(फाइल फोटो) |
मामला सटई थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सिंगरामपुरा का है, जहां के 45 वर्षीय छन्नू शुक्ला एक पांव से दिव्यांग है और अपनी शादी के लिए कई वर्षों से परेशान थे. पिछले वर्ष दमोह में दिव्यांग छन्नू शुक्ला की मुलाकात खंडवा निवासी एक व्यक्ति से हुई तो उस व्यक्ति ने दिव्यांग की शादी कराने का आश्वासन दिया.
विगत 24 नवंबर को खंडवा का यह व्यक्ति एक महिला और पुरुष के साथ 26 वर्षीय युवती को साथ लेकर बिजावर पहुंचा जहां नोटरी के माध्यम से उसकी शादी कराई गई. नोटरी में युवती का नाम आरती शर्मा लिखाया गया.
कानूनी शादी के बाद महिला और दोनों पुरुष एक लाख 60 हजार रुपए लेकर वहॉ से चले गए. दिव्यांग छन्नू शुक्ला ने अपने घर में रखी गेहूं की फसल बेचकर यह रकम अदा की थी. 27 नवंबर को दिव्यांग छन्नू शुक्ला के साथ 26 वर्षीय युवती बिजावर में खरीददारी करने के लिए पहुंची जहां उसे छन्नू शुक्ला ने 15 हजार रुपए खरीददारी के लिए दिए.
आरती बिजावर के बस स्टैंड पर लघुशंका के बहाने गई और एक चार पहिया वाहन में बैठ गई. इस पर आशंकित होकर दिव्यांग छन्नू शुक्ला चार पहिया वाहन के आगे खड़ा हो गया और उस वाहन को आगे नहीं जाने दिया. आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई और कुछ ही देर बाद दिव्यांग की मदद करते हुए लोगों ने दोनों का मामला बिजावर थाने पहुंचा दिया.
सूत्रों के अनुसार दोनों पक्ष थाने आए हैं जांच पड़ताल के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.' दिव्यांग से शादी रचाकर सिंगरामपुरा में तीन दिन ठहरी युवती अपने साथ आए लोगों को ही नहीं पहचानती है.
उसने पुलिस के सामने बताया कि उसका नाम आरती शर्मा नहीं बल्कि संगीता मालवी है जो भाग्यश्री कालोनी विजयनगर इंदौर में रहती है. उसकी एक 11 वर्ष की बेटी है तथा 8 साल पहले पति से उसका तलाक भी हो गया था.
इंदौर में झाड़ूपोंछा का काम करते वक्त महिला से उसकी जान पहचान हुई थी जो उसे शादी कराने के लिए यहां लेकर आई थी. उसने बताया कि तीन दिन सिंगरामपुर में रहने के दौरान उसके साथ कुछ गलत नहीं हुआ है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच हो रही है.
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