कान्हा नेशनल पार्क में बाघ का शिकार करने वाले 6 लोग गिरफ्तार
मध्य प्रदेश वन विभाग के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) टीम ने कान्हा टाइगर पार्क में पिछले दिनों बाघ का शिकार करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.
(फाइल फोटो) |
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार एसटीएफ टीम ने 22 अक्टूबर को कान्हा टाइगर पार्क में मारे गये बाघ के शिकारियों को तलाश कर मानेगांव से गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान देवी सिंह, धीर सिंह, ज्ञान सिंह, सुंदरलाल, धर्म सिंह और छोटेलाल के रूप में हुई है.
एसटीएफ ने एक आरोपी धीर सिंह के घर से बाघ को मारने में उपयोग किये गये बिजली के तारों को भी बरामद किया है. आरोपियों ने एसटीएफ के समक्ष पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
पूछताछ में आरोपियों ने क्षेत्र संचालक पंकज शुक्ला को बताया कि उनका बाघ को मारने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने मानेगांव के पास जंगली सुअर या चीतल को मारने के इरादे से बिजली के तार बिछाए थे, लेकिन दुर्भाग्य से बाघ इसमें फंस गया. बाघ के मरने से वे बहुत भयभीत हो गये और उसके शव को घसीटकर लेंटाना की झाड़ियों में छुपा दिया.
उन्होंने बताया कि इसके बाद देवी सिंह और छोटेलाल ने शेर के चारों पंजे काटे, ताकि उन्हें बेचकर पैसा कमाया जा सके. इतने में एसटीएफ की टीम खोजी कुत्तों के साथ वहां पहुंच गयी. पकड़े जाने के डर से देवी सिंह ने चारों पंजे बंजर नदी के पास एकांत में जला दिये. लेकिन खोजी कुत्तों और प्राप्त जानकारी के आधार पर एसटीएफ टीम वहां भी पहुंच गयी और अपराधियों को धर दबोचा.
वन विभाग की टीम को देवी सिंह ने वह जगह भी दिखायी, जहां उसने कटे पंजों को जलाया था. बाघ के कटे पंजों के अधजले अंग भी टीम ने बरामद किये गये हैं.
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