सरहद पर तैनात फौजी भाइयों की कलाइयों पर सजेंगी दिव्यांग बहनों की राखियां
देश की पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा पर तैनात फौजी भाइयों की कलाइयों पर इस बार मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की दिव्यांग बहनों के हाथों से बनीं राखियां भी सजेंगी.
(फाइल फोटो) |
जिला मुख्यालय स्थित नि:शक्त बालिका छात्रावास में रहने वाली ये दिव्यांग बहनें इन दिनों पूरे मनोयोग से राजस्थान स्थित भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात फौजियों के लिए राखियां बनाने में जुटी हैं.
बैतूल स्थित बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के सदस्य दिव्यांग बालिकाओं से प्राप्त राखियां 18 अगस्त रक्षाबंधन के दिन सरहद पर तैनात फौजियों की कलाई पर बांधेंगे.
समिति के राष्ट्र रक्षा मिशन का दल 15 अगस्त को इस सीमा के लिए रवाना होगा.
दल की हौसला अफजाई के लिए शहर के नागरिकों द्वारा मिठाई, राखी एवं रुमाल भी भेंट किए जा रहे हैं.
छात्रावास अधिक्षिका डॉ सीमा भदौरिया के मुताबिक बच्चियों को जब ये पता चला कि समिति का दल सीमा के लिए रवाना हो रहा है, तो उन्होंने अपने हाथ से राखियां बनाने की इच्छा जाहिर की.
इस इच्छा का सम्मान करते हुए बालिकाओं को रेशम के धागे समेत पूरा सामान मुहैया कराया गया.
उन्होंने बताया कि छात्रावास की दृष्टिहीन और मूकबधिर दोनों प्रकार की 20 से भी ज्यादा दिव्यांग बालिकाएं अपनी क्षमता मुताबिक काम में जुटी हैं.
सात दिनों में बालिकाओं ने 200 से अधिक राखियां बना ली है.
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