मोदी का कश्मीर के युवाओं से आह्वान, किताबें छोड़ पत्थर न थामें

Last Updated 10 Aug 2016 05:25:12 AM IST

पीएम नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बंदूक छोड़ने तथा धरती के इस स्वर्ग की जमीन को खून से लाल करने के बजाय हरियाली से परिपूर्ण कर देने का आह्वान किया.


भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती के मौके पर चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि मप्र के भाभरा गांव में जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री.

जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने जो आजादी देश के अन्य हिस्सों में लोगों को दिलाई है, वही आजादी कश्मीर के लोगों को भी हासिल है. मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बंदूक छोड़ने तथा धरती के इस स्वर्ग की जमीन को खून से लाल करने के बजाय हरियाली से परिपूर्ण कर देने का आह्वान किया.

क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद की जन्मभूमि पर भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को भाभरा (मध्य प्रदेश) में एक आमसभा में मोदी ने कहा, ‘कश्मीर, हमारे देश हिन्दुस्तान का स्वर्ग है. कश्मीर जाना हर देशवासी का सपना होता है. पूरा हिन्दुस्तान कश्मीर को प्यार करता है. लेकिन कुछ मुठ्ठीभर गुमराह हुए लोग कश्मीर की महान परम्परा को कहीं न कहीं ठेस पहुंचा रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘एक तरफ हम हैं जो विकास के मार्ग पर अपनी समस्याओं और कठिनाइयों को दूर कर आगे बढ़ने के लिए रास्ता खोज रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिन्हें विकास पच नहीं रहा और वे सिर्फ विनाश का रास्ता पकड़ कर बैठे हैं.’

प्रधानमंत्री ने देश के राजनीतिक दलों विशेषकर कांग्रेस का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘कश्मीर मुद्दे पर हिन्दुस्तान के सभी राजनीतिक दलों ने बहुत परिपक्व तरीके से पूर्णतया देशभक्ति के वातावरण में इस समस्या के समाधान के प्रयास किये. आज भी हिन्दुस्तान के सभी राजनीतिक दल कश्मीर के विषय में एक सुर में बोल रहे हैं और एक ही दिशा में जाने को संकल्पबद्ध हैं. यही हिन्दुस्तान की ताकत है. यही हिन्दुस्तान का सामथ्र्य है, इसी को लेकर हम आगे बढ़ना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी पीड़ा होती है कि जिन बच्चों के हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, बॉलीबॉल की गेंद होनी चाहिए, क्रिकेट बैट होना चाहिए, किताबें और मन में सपने होने चाहिए, ऐसे निदरेष बच्चों के हाथों में पत्थर पकड़ा दिए जाते हैं. कुछ लोगों की राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन मेरे इन भोले भाले बच्चों का क्या होगा? इसलिए इंसानियत, कश्मीरियत को दाग नहीं लगने दिया जाएगा.’ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को याद करते हुए कहा, ‘अटल जी ने जो मार्ग अपनाया था, हम उसी इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत के मार्ग पर चलने वाले लोग हैं.

हम कश्मीर की युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करना चाहते हैं.’’ कश्मीर का सामान्य आदमी पर्यटन के आधार पर रोजी-रोटी कमाता है. जो यात्री अमरनाथ जाते हैं वे श्रीनगर भी जाते हैं. इससे वहां पर्यटन बढ़ता है. कश्मीर का बाजार और व्यापार बढ़ना चाहिए, उसके लिए जो भी मदद चाहिए केंद्र सरकार वह देने के लिए तैयार है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment