सरदार सरोवर बांध परियोजना से 45 हजार परिवारों पर डूब का खतरा : मेधा पाटकर

Last Updated 29 Jul 2016 05:06:48 PM IST

गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध को 139 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक भरने की सरकारी तैयारी का नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने विरोध किया.


मेधा पाटकर (फाइल फोटो)
मेधा पाटकर ने शुक्रवार को सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अगर बांध को इस स्तर तक भर दिया गया, तो नर्मदा घाटी क्षेत्र में रहने वाले लगभग 45 हजार परिवार उजड़ जायेंगे.
 
मेधा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमारे अनुमान के मुताबिक सरदार सरोवर बांध को फिलहाल 122 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक भरा गया है. लेकिन सरकार इसके गेट बंद कर इसे 139 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक भरने की तैयारी कर रही है. अगर ऐसा किया गया, तो मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के करीब 45,000 परिवारों को डूब का सामना करना पड़ेगा.'
 
उन्होंने कहा, "नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर बांध प्रभावितों पर डूब के खतरे के खिलाफ मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के राजघाट में शनिवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जायेगा." मेधा ने मांग दोहरायी कि सरदार सरोवर बांध परियोजना से जुड़े फर्जी रजिस्ट्री कांड और इस परियोजना के पुनर्वास स्थलों की अनियमितताओें की जांच करने वाले न्यायमूर्ति झा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये. यह रिपोर्ट जनवरी में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को सौंपी गयी थी.
 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक न होने पाये, क्योंकि ऐसा होने पर उसके कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और इनसे जुड़े दलालों के नामों से परदा उठ सकता है.
 
सरदार सरोवर बांध परियोजना की पुनर्वास योजना का अवैध लाभ लेने के लिये अपात्र लोगों द्वारा बांध प्रभावित क्षेत्र में कथित तौर पर बड़ी तादाद में अचल संपत्ति की फर्जी रजिस्ट्रियां कराये जाने और दूसरी गड़बड़ियों की जांच के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएस झा की अध्यक्षता में वर्ष 2008 में आयोग का गठन किया गया था. 
 
 

 



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