इंदौर में तालाब की जमीन पर अदालत भवन के निर्माण पर रोक, लोकसभा अध्यक्ष ने फैसले को सराहा
लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सुमित्रा महाजन ने मध्य प्रदेश के इंदौर के पिपलिया हाना तालाब की जमीन पर बन रहे जिला अदालत के नये भवन के निर्माण पर रोक लगाने की मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा पर प्रसन्नता जतायी.
(फाइल फोटो) |
सुमित्रा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझे फोन कर सूचित किया कि जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए पिपलिया हाना तालाब की जमीन पर जिला अदालत के नये भवन के निर्माण पर रोक लगा दी गयी है. मुख्यमंत्री के इस फैसले ने शहर की जनता के साथ सियासी दलों, सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों को प्रसन्नता से भर दिया है.’
उन्होंने कहा, ‘तालाब की जमीन पर अदालत भवन के निर्माण के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों से मैं अपील करती हूं कि मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर वे अपना आंदोलन रोक दें.’
चौहान ने शुक्रवार को घोषणा की कि जिला अदालत के नये भवन के लिये वैकल्पिक स्थान का चयन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की सहमति से होगा और तब तक पिपलिया हाना तालाब से सटे पूर्व निर्धारित स्थान पर कोई निर्माण नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने पिपलिया हाना तालाब के पास जिला अदालत का नया भवन बनाये जाने की परियोजना पर पुनर्विचार के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इस समिति में उच्च न्यायालय के प्रतिनिधि भी शामिल किये जायेंगे. यह समिति अदालत भवन के निर्माण के लिये वैकल्पिक स्थानों के बारे में अपनी अनुशंसा देगी.
क्षेत्रीय जनता के साथ शहर के सामाजिक संगठन, पर्यावरणविद और वकील पिपलिया हाना तालाब की जमीन पर जिला अदालत के नये भवन के निर्माण का महीने भर से विरोध कर रहे थे. विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि तालाब की जमीन पर इस निर्माण से आस.पास के इलाके में पर्यावरण और भूमिगत जल स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
तालाब की जमीन पर अदालत भवन के निर्माण का भाजपा और कांग्रेस ने भी विरोध किया था.
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