मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश, बलात्कार के हर मामले में हो DNA टेस्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बलात्कार के प्रकरणों में आरोपी का डीएनए टेस्ट करवाने के आदेश दिए हैं.
(फाइल फोटो) |
आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक सहित सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं.
न्यायाधीश अतुल श्रीधन की एकलपीठ ने यह आदेश नाबालिग लड़की से बलात्कार और गर्भवती होने पर आत्महत्या किये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जारी किये है.
आदेश में कहा गया है कि बलात्कार के मामले में आरोपी का डीएनए टेस्ट करवाया जाये. पीड़िता की एमएलसी के दौरान उसके शरीर और कपड़ों में मिले रक्त और अन्य की फोरेन्सिक जांच करवाई जाये और उसका मिलान आरोपी के डीएनए से किया जाये. बलात्कार के कारण गर्भवती होने की स्थिति में बच्चे के पैदा होते ही उसके डीएनए का मिलान आरोपी के डीएनए से करवाया जाये. गर्भ में बच्चे की मौत हो जाती है या पीड़िता गर्भपात करवाती है तो भी भ्रूण का डीएनए करवाया जाये. बलात्कार पीड़ित गर्भवती की मौत होने पर भी इस प्रक्रिया का पालन किया जाये.
शहडोल जिले के लालपुर निवासी राजा उर्फ राहुल वर्मन (20) की तरफ से दायर जमानत याचिका में कहा गया था कि धनपुरी पुलिस ने उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है.
उस पर आरोप है कि उसने शादी का प्रलोभन देकर एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया. लड़की के गर्भवती होने पर उसने शादी से इंकार कर दिया. इसके कारण नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली.
याचिका में कहा गया था कि किशोरी से उसके शारीरिक संबंध नहीं थे. उस पर लगाये गये आरोप निराधार हैं, किशोरी के एक दूसरे नाबालिग किशोर के साथ संबंध थे.
जमानत याचिका का विरोध करते हुए शासकीय अधिवक्ता के एस पटेल ने एकलपीठ को बताया कि पीड़िता की मां और सहेली के बयान लिये गये थे.
उन्होंने अपने बयान में यह बात कही है कि आरोपी के पीड़िता के साथ संबंध थे, जिसके कारण वह गर्भवती हुई थी.
एकलपीठ ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह आदेश जारी किये हैं.
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